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Aawarapan... Banjarapan: Yeh bhi Koi baat hue....
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Tuesday, March 16, 2010. Yeh bhi Koi baat hue. To read the poem, click on the picture. शरद कोकास. सही है यह भी कोई बात हुई? March 16, 2010 at 1:34 AM. उम्दा रचना! March 16, 2010 at 4:05 AM. Ye bhi koi baat huyee. March 16, 2010 at 7:23 AM. You have stated everything so truly! Brilliant usage of good words and punctuations and I could draw the entire picture :). The concept and the topic. so near to reality. Nice thought process! Harr kadam pe zindagi mazaak udaati hai mera,. Keep up the good work! Aap ki...
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कुछ अनकही सी...Kuch Ankahi Si...: गुमनाम है कोई
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कुछ अनकही सी.Kuch Ankahi Si. कुछ अनकहा सा बहुत कुछ कह जाता हैं बिना शब्दों के. गुमनाम है कोई. कुछ रिश्तों के नाम होते है ,. पर वो हमेशा नाकाम होते है ।. कुछ रिश्ते रोज दिखते है,. पर उनमें देखने वाली कोई बात नही होती ।. कुछ रिश्ते दिखाई नही देते. पर वो हमेशा साथ होते है ।. काश कि सबको एक ऐसा रिश्ता मिले. जिसे नाम ना देना पडे. जो गुमनाम भी ना हो. जो गुमनाम भी ना हो, क्या बात है उस रिशते की. मगर ज़िन्दगी सिलसिला टूटने जुड़्ने का,. 26 May, 2007. बहुत खूब! सुनीता(शानू). 27 May, 2007. 30 May, 2007. Wah yatish ji,.
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India Gaze: हर शाम कुछ कहती है ...
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May 19, 2007. हर शाम कुछ कहती है . Lick on the image for a larger view. हर शाम में दफ्न हो जाता है. एक दिन जो जी लिया।. हर शाम कहती है. कि आगे एक दिन और है।. जरा थम जा. कुछ आराम करले,. एक लंबी रात बाक़ी है।. देख ले एक सपना,. क्या पता. कल कि सुबह. सच हो जाये. Posted by Yatish Jain. वाह क्या बात है, बहुत खूबसूरत ख्याल है! देख ले एक सपना,. क्या पता कल. कि सुबह सच हो जाये. बहरहाल एक खूबसूरत तस्वीर. एक खूबसूरत ख्याल. कलाकार कह्ते हैं इसी को. कि हर अंदाज़ बेमिसाल! रेणू आहूजा. 26 May, 2007. Ye Meri Laif Hai.
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कुछ अनकही सी...Kuch Ankahi Si...: July 2007
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कुछ अनकही सी.Kuch Ankahi Si. कुछ अनकहा सा बहुत कुछ कह जाता हैं बिना शब्दों के. चाह की कोई सीमा नहीं होती,. चाहते कितनी भी हो सकती हैं।. मन जब मचलता हैं. तो चाहतें जन्म लेती हैं,. पर सच्ची चाहत का जन्म. बिना शर्त होता हैं,. किसी की कमियों को. साथ लिए. उसे चाहना ही. सच्चा प्यार हैं।. ज़िन्दगी एक बार. मिलती हैं,. अपने खेल खेलती हैं,. हर रोज़ नयी कहानी. जन्म लेती हैं,. इसमें कोई भी. मन सा कभी भी. मिल सकता हैं,. और कभी मन सा. बनाना पड़ता हैं।. सच्ची चाहत को. Subscribe to: Posts (Atom). Ye Meri Life Hai.
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कुछ अनकही सी...Kuch Ankahi Si...: August 2007
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कुछ अनकही सी.Kuch Ankahi Si. कुछ अनकहा सा बहुत कुछ कह जाता हैं बिना शब्दों के. परदा बहुत कुछ कहता है,. परदा कई रूप धरता है,. कभी पर्दा मुखोटा बन जाता है,. कभी आवरण,. शरहद की लाइनें भी परदा है,. परदे के बहुत मायने है,. परदा मर्यादा है,. परदा वादा है,. परदा संजोता है. धरोहर अपने आप में. पर शब्द परदा नही है. परदा ही शब्दों का रूप धरता है. और कहता है रोज़. कुछ अनकही सी. लाइनें. प्रथ्वीग्रहण. चाँद, सूरज और प्रथ्वी. सब फसे है एक चक्कर में. सूरज रोज़ निहारता है. प्रथ्वी को. चाँद को,. आए दिन ये. हर दिन,. कु...
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कुछ अनकही सी...Kuch Ankahi Si...: फ़ासले
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कुछ अनकही सी.Kuch Ankahi Si. कुछ अनकहा सा बहुत कुछ कह जाता हैं बिना शब्दों के. दूरियाँ और नजदीकियां. फ़ासलों के ही नाम है।. जब ये ज्यादा होता है. तो दूरियाँ बनता है,. और कम होता है. तो नजदीकियां।. ये फ़ासले भी कितने अजीब होते है. कहने को एक है,. पर रिश्ते दो - दो होते है।. यतिश बहुत अच्छा लिखते है आप. बिलकुल सरल और सटिक भाषा. ये फ़ासले भी कितने अजीब होते है. कहने को एक है,. पर रिश्ते दो - दो होते है।. सुनीता(शानू). 27 May, 2007. 08 June, 2007. 12 June, 2007. Subscribe to: Post Comments (Atom).
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कुछ अनकही सी...Kuch Ankahi Si...: पहेली
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कुछ अनकही सी.Kuch Ankahi Si. कुछ अनकहा सा बहुत कुछ कह जाता हैं बिना शब्दों के. ज़िंदगी कहते हैं तू पहेली हैं,. वक़्त की आंख मिचोली हैं।. हरेक दिन रचती हैं नये खेल,. फिर भी सुख दुःख की सहेली हैं।. रोज़ होती हैं तू परत दर परत पुरानी,. फिर भी लगती तू नयी नवेली हैं।. कितने वाकये जुडते हैं इसमें नए,. फिर भी यादों की तू हवेली हैं।. ज़िंदगी कहते हैं तू पहेली हैं. शैलेश भारतवासी. 12 June, 2007. ज़िंदगी कहते हैं तू पहेली हैं. बहुत सुंदर भाव हैं, यतिश भाई. 12 June, 2007. 12 June, 2007. 13 June, 2007. 26 June, 2007.
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कुछ अनकही सी...Kuch Ankahi Si...: पार्टी टाइम
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कुछ अनकही सी.Kuch Ankahi Si. कुछ अनकहा सा बहुत कुछ कह जाता हैं बिना शब्दों के. पार्टी टाइम. जरुरी है कि खुशियों के लिए. दिन देखा जाये,. जरुरी है क्या उस दिन का. इंतज़ार करना,. जब कुछ हुआ था।. क्यों ना हम उन तारीखों के. फ़ासलों को कुछ कम करलें,. जन्मदिन की पार्टी. किसी और दिन भी धरलें,. एक वक़्त से पहले,. एक वक़्त के बाद . Subscribe to: Post Comments (Atom). Hindi Help/हिन्दी सहायता. Ye Meri Life Hai. क़तरा-क़तरा Qatra-Qatra. View my complete profile. पार्टी टाइम. मेरी वो. गुमनाम है कोई.