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दरीचा: February 2013
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Friday, February 22, 2013. वे नहीं मरे अभी. हर बार की तरह इस बार भी. कुछ इंसान ही मरे हैं. और आगे भी यही मरते रहेंगे. वो नहीं मरे. जिन्हें मरना चाहिए था. वे भी नहीं. जिन्हें मर जाना चाहिए. सुना है उनके पास. कोई खुदा, कोई ईश्वर है. बड़ा ताकतवर है वो. वही इंसानों को मारने की. नसीहत देता है. उस खुदा या उस ईश्वर को. मैं बिल्कुल नहीं जानता. अच्छा है जो मैं. ऐसे खुदा, ऐसे ईश्वर को. बिल्कुल भी नहीं मानता. Subscribe to: Posts (Atom). वे नहीं मरे अभी. शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी. जानकीपुल. अनुख्यान. नेट बन ज&...
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दरीचा: September 2012
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Saturday, September 22, 2012. फिरोज बख्त अहमद और फौजिया रियाज का इंटरव्यू. Saturday, September 8, 2012. मौलाना मुहम्मद अहमद का इंटरव्यू. Monday, September 3, 2012. प्रोफेसर नावेद जमाल का इंटरव्यू. फखरे आलम और फौजिया रियाज का इंटरव्यू. Subscribe to: Posts (Atom). फिरोज बख्त अहमद और फौजिया रियाज का इंटरव्यू. मौलाना मुहम्मद अहमद का इंटरव्यू. प्रोफेसर नावेद जमाल का इंटरव्यू. फखरे आलम और फौजिया रियाज का इंटरव्यू. शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी. जानकीपुल. बोल कि लब आजाद हैं. मृत्युबोध. अनुख्यान. ऐसा देश...डिग...
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दरीचा: May 2014
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Tuesday, May 27, 2014. चम्मचों में बंटे वामपंथ को कड़ाही बनना होगा. Atul Kumar Anjan and Wasim Akram. 1- भाजपा की अप्रत्याशित जीत और कांग्रेस की ऐतिहासिक हार के साथ इस चुनाव में वामपंथी दलों को भी भारी हार हुई है. किसानों की पार्टी कहे जानेवाले वाम के जनाधार कम होने के क्या कारण हैं. जबकि देश में अब भी गरीबों की ही ज्यादा संख्या है. हमारी पार्टी गरीब. किसानों की पार्टी है. मजदूर और हाशिये पर पड़े लोगों की पार्टी है. अल्पसंख्यकों की पार्टी है. लेकिन अब सिर्फ गरीब. अलग चीजें हैं. हमने पूरे ...ये बì...
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दरीचा: March 2015
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Sunday, March 22, 2015. राजनीतिक खेल. तुम अनाज उगाओगे. तुम्हे रोटी नहीं मिलेगी,. तुम ईंट-पत्थर जोड़ोगे. तुम्हें सड़क पर सोना होगा,. तुम कपड़े बुनोगे. और तुम नंगे रहोगे,. क्योंकि अब लोकतंत्र. अपनी परिभाषा बदल चुका है. लोकतंत्र में अब लोक. एक कोरी अवधारणा मात्र है,. सत्ता तुम्हारे हाथ में नहीं. पूंजी के हाथ में है. और पूंजी. नीराओं, राजाओ, कलमाडियों,. अदाणियों, अंबानियों और टाटाओं के हाथ में है,. तुम्हारी जबान, तुम्हारी मेहनत. हकीकत में नहीं,. तभी तो,. Friday, March 20, 2015. Ravish kumar and Munawar Rana in.
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दरीचा: June 2013
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Wednesday, June 26, 2013. समाजशास्त्री शिव विश्वनाथन का इंटरव्यू. Subscribe to: Posts (Atom). समाजशास्त्री शिव विश्वनाथन का इंटरव्यू. शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी. जानकीपुल. संजय चतुर्वेदी की चुनिन्दा कविताएं. बोल कि लब आजाद हैं. एक गोभक्त से भेंट- हरिशंकर परसाई. मृत्युबोध. पत्रकार नेहा दीक्षित पर संघ- भाजपा तत्वों के हमले के खिलाफ बयान. From PM Modi's 'shameful silence' to 'shoot me' call to cow fanatics. कबाड़खाना. सेनेका की सीखें - 4. कुमार अम्बुज. अनुख्यान. भड़ास blog. Kaafiron Ki Namaaz : Movie Review.
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दरीचा: October 2014
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Wednesday, October 15, 2014. किसकी देन है इस्लामिक आतंकवाद? हैं। वैसे कितने लोगों को जनाब लालकृष्ण आडवाणी की तमिलनाडु की 2011 की यात्रा में उनके रास्ते में बरामद किए गए पाइप बम का किस्सा याद है? समयांतर से साभार. Friday, October 10, 2014. नोबेल शांति विजेता कैलाश सत्यार्थी का इंटरव्यू. साल 2012 में प्रभात खबर के बचपन बचाओ कॉलम के लिए कैलाश. Subscribe to: Posts (Atom). किसकी देन है इस्लामिक आतंकवाद? शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी. जानकीपुल. बोल कि लब आजाद हैं. मृत्युबोध. कबाड़खाना. अनुख्यान. नेट बन ज...
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दरीचा: November 2014
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Friday, November 21, 2014. धर्म की खोखली बुनियादों में दबी स्त्री. क्या सारे फतवे औरतों के लिए है, मर्दों के लिए कुछ नहीं? क्या इन्हें इन सब बातों का इल्म नहीं? है। क्योंकि बहादुरगंज जैसे सैकड़ों गांवों और कस्बों के कुछ लोग ही सही उसी दारूल ओलूम में पढ़ाई करते हैं।. महिला आयोग क्या है? Subscribe to: Posts (Atom). धर्म की खोखली बुनियादों में दबी स्त्री. शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी. जानकीपुल. संजय चतुर्वेदी की चुनिन्दा कविताएं. बोल कि लब आजाद हैं. मृत्युबोध. कबाड़खाना. अनुख्यान. भड़ास blog. डिग्र&#...अंज...
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दरीचा: March 2013
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Sunday, March 31, 2013. तीसरा आदमी कौन है. एक आदमी खुद को. सर्वोच्च ज्ञानी मानता है. कभी किसी से नहीं मिलता. वह कविता करता है. अपनी कविता में. बात करता है जनसरोकारों की. बजाता है क्रांति का बिगुल. एक दूसरा आदमी है. जो सबको साथ लेकर चलता है. उच्चता का घमंड नहीं करता. बातें करने के बजाय. निभाता है जन के प्रति सरोकारों को. लेकिन हां. वह कविता नहीं लिखता. एक तीसरा आदमी भी है. जो न कविता लिखता है. और न ही किसी. जनसरोकार की बात करता है. जैसे चाहता है, खेलता है. जनता पूछ रही है. Monday, March 11, 2013. अल्...
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दरीचा: December 2014
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Sunday, December 7, 2014. हाशिम अंसारी के कथनों के निहितार्थ. अयोध्या में 6 दिसम्बर, 92 को हुए ध्वंस की बरसी पर. कृष्ण प्रताप सिंह. की टिप्पणी. किसी ने कहा, कौआ कान ले गया और आप कान को भूलकर कौए के पीछे दौड़ पड़े! रामलला को आजादी मिलनी ही चाहिए।’. सोचिए जरा, हाशिम की दगा वाली टिप्पणी किसके खिलाफ है? यह उनका आत्मसमर्पण है, तो किसके लिए ज्यादा लज्जाजनक है? Subscribe to: Posts (Atom). हाशिम अंसारी के कथनों के निहितार्थ. शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी. जानकीपुल. बोल कि लब आजाद हैं. मृत्युबोध. भड़ास blog. ऐसा ...
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दरीचा: February 2015
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Friday, February 13, 2015. खतरनाक है धर्म और राजनीति का तामसिक संगम. लोकतांत्रिक आस्थाएं भी बहुत गहरी हुई हैं।. धर्म और राजनीति के इस गठजोड़. उपजी समस्याओं और खतरों पर जब मैंने प्रख्यात समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार. से बात की, तो उन्होंने बहुत ही विस्तार से समझाते हुए इन खतरों से जो आगही की, उसे आप. यहां समझ सकते हैं. तो वहीं दूसरी तरफ राजनीति ने सामाजिक सम्बंधों के उलझन भरे ताने. जब धर्म ने मनुष्य को पूर्णता की पराकाष्ठा तक...और तीसरा. लेकिन उन बदलावों ने युग. परिवर्तन भी पैद&...जो उस क्ष...धार...