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palash "पलाश": February 2015
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शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015. प्रेम अनुमति पत्र. आज एक दिन घर पर अकेले रहना, इतना मुश्किल लग रहा था कि जैसे इससे ज्यादा मुश्किल तो कुछ भी नही। निशा बिट्टू के साथ अपनी बहन की शादी में गयी थी।. लाइब्रेरी. आज तक, ना मैं अपने प्रेम को हस्ताक्षरित करा सका और ना दिल को. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 7 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. रविवार, 15 फ़रवरी 2015. क्या हो तुम. तू ही दर्द मेरा, हमदर्द मेरा. शामें तू ही, सबेरा भी मेरा. मिलकर ही तो, मिल पाये हम. लेबल: प्यार. स्वीकार. किस तरह स&...
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सप्तरंगी प्रेम: January 2011
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सप्तरंगी प्रेम. सोमवार, 31 जनवरी 2011. कमनीय स्वप्न : आशीष. कौन थी वो प्रेममयी , जो हवा के झोके संग आई. जिसकी खुशबू फ़ैल रही है , जैसे नव अमराई. क्षीण कटि, बसंत वसना, चंचला सी अंगड़ाई. खुली हुई वो स्निग्ध बाहें , दे रही थी आमंत्रण. नवयौवन उच्छश्रीन्खल. लहराता आंचल प्रतिक्षण. लावण्य पाश से बंधा मै, क्यों छोड़ रहा था हठ प्रण. मृगनयनी,तन्वांगी , तरुणी, उन्नत पीन उरोज. अविचल चित्त , तिर्यक दृग ,अधर पंखुड़ी सरोज. के माध्यम से सक्रियता. प्रस्तुतकर्ता. सोमवार, जनवरी 31, 2011. लेबल: आशीष. जब सूख जाय...वो ...
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palash "पलाश": January 2014
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रविवार, 26 जनवरी 2014. खुला खत. जिन्दगी. से नही. थी, कही ना कही वो जी जरूर रही होगी।. बेपता खत जब पहुंचा मेरे पास, सोचने लगा मन , क्या मेरा उसका नाता था. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 4 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारी वाणी. आप कहाँ से पढ रहे है. मेरी ब्लॉग सूची. उड़न तश्तरी . तोता और उसकी पर्ची. 1 दिन पहले. ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र. मन , एक बदमाश बच्चा. 2 दिन पहले. 1 सप्ताह पहले. चलते -चलते ! 3 माह पहले. हिन...
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palash "पलाश": September 2014
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शनिवार, 20 सितंबर 2014. हमारे बुजुर्ग. फर्क तो है बस जरा सा, मगर बडी बात है. बडे हमारे साथ होते या हम बडों के साथ है. छोटे हैं प्यार के लिये, वही शोभता है उन्हे. मकां वही घर बना, जहाँ बडों का हाथ है. नर्क और स्वर्ग का फर्क बस इ. नसे ही है. बडों की छावं के बिना अधूरी हर बात है. बरगद है ये बुजुर्ग और बेल है हम युवा. साथ मे इनके ही तो जिन्दगी का राग है. क्या भला दे पायेगें, जीवन के दाता है ये. हर सांस पर हमारी, इनका भी अधिकार है. 9 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. छाई छिति छोर-छ...कुटिल क&#...या ...
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palash "पलाश": February 2014
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शनिवार, 15 फ़रवरी 2014. माँ - - ईश्वर का आशीर्वाद. क्या भगवान मुझे भी माँ जैसे रिश्ते को अपमानित करने की मुझे सजा दे रहे हैं? क्या मैने रेनू से उसके पिता को नही छीन रखा? तभी ध्यान घडी पर गया। रेनू की बस आने का समय हो गया था, रोज कामता को ही भेज देती थी उसको लाने के लिये।. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 5 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: प्यार. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारी वाणी. आप कहाँ से पढ रहे है. उड़न तश्तरी . 1 दिन पहले. मंगल...
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palash "पलाश": July 2014
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बुधवार, 23 जुलाई 2014. जली रोटी. चूल्हे. बिल्कुल. चूल्हे. धुंये. रोटियां. खिलायेगी. लेगा।. लेगें. सावधानी. बनायेगी।. रोटियों. छाँटने. रोटियां. आंखों. कारखाने में धीरज. कुछ भी कहो मगर शादी. तुम्हारा. मिलेगी।. मिटेटी. थोडा सा हिलाते. मुस्करा कर कहा. होगी,. और यहाँ. तुम चिन्ता. करो, अब. करूँगा. जिन्दगी. जायगी।. 2404; बसन्त उसके रोने पर घबरा के बोला - अरे क्या हुआ? रोटियां. मैने सारी. सारी रोटियां. दी। वो कुछ और कहती इससे पहले. एक हाथ से. कटोरदान से. हैं।. ज्या दा. होता है. जिन्दगी. दिया।. सिखाय&...होत...
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palash "पलाश": August 2014
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बुधवार, 6 अगस्त 2014. एक अबला आकार. कहते जिसे नारी,. दो मात्राओं से. नर पर है भारी।. वैसे तो है ये. जीवन का आधार,. मगर पुरुष मानता. इसे निराधार।. पत्थरों में पूजता. शक्ति के रूप में,. बल से चोट करता. छाया या धूप में।. मिटाना चाह रहा. हमारा अस्तित्व,. जाने कैसे बचायेगा. अपना व्यक्तिव।. ललकारती हूँ आज. ऐ बली नर तुझे,. मिटा कर रख दे. आज बस अभी मुझे।. कम से कम धरा से. जीवन तो खत्म हो,. एक स्वस्थ स्रुष्टि की. शायद रचना तब हो।. 6 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. शुक्रवार, 1 अगस्त 2014. में दे...राख...
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palash "पलाश": June 2015
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शुक्रवार, 5 जून 2015. रिस्टोरेशन. तुम्हारा सारा काम हो गय क्या? अरे मुझसे कह देती मैं कल बाजार से नयी ऊन ला देती।. क्या मन में बनी चंद गांठो को छुपाया या मिटाया नही जा सकता? Restoration - पुनरनिर्माण. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 11 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: restoration of relations. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). हमारी वाणी. आप कहाँ से पढ रहे है. मेरी ब्लॉग सूची. उड़न तश्तरी . तोता और उसकी पर्ची. 1 दिन पहले. 2 दिन पहले. हिन्...लिख...
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palash "पलाश": April 2015
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बुधवार, 29 अप्रैल 2015. त्रासदी फिर आ सकती है. कर्तव्यों. अंजानी. रास्ता. दिखाने. भृकुटि. निकाले. राजनीति. दीवारे. करने लगा धार्मिक. शिनाख्त. शरीरों. विभाजित. कर दिया. लाशों. प्रस्तुतकर्त्री अपर्णा त्रिपाठी डॉ. अपर्णा त्रिपाठी. 3 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: नेपाल भूकम्प. सोमवार, 27 अप्रैल 2015. ख्वाइशों के पुलिंदे. मुश्किल ना था बयां करना , हाल-ए-दिल तुमसे. मगर आरजू रही आजमां ही ले इम्तेहान-ए-सबर. मगर हसरत थी हो तुझपे मेरी वफाओं का असर. 8 टिप्पणियाँ. लेबल: love desire. चुपके च...तुम...
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सप्तरंगी प्रेम: July 2011
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सप्तरंगी प्रेम. गुरुवार, 28 जुलाई 2011. प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटते मुक्तक. सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटते नीलम पुरी. जी के कुछ मुक्तक. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा. १)आँखों के अश्क बह नहीं पाए,. खामोश रहे किसी से कुछ कह नहीं पाए,. किस से कहते दास्ताँ अपने दिल की,. जो था अपना उसे अपना कह नहीं पाए. २)जब भी रातों मे तेरी याद आती है ,. वीरान रातों में चाँदनी उतर आती है,. मगर ना तुम आते हो ना नींद आती है. पल पल इंतज़ार किया और,. और वो मेरी आँख...१०) दिल की...