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हम बचे रहेंगे: March 2012
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हम बचे रहेंगे. Sunday, March 25, 2012. विमलेश त्रिपाठी. Subscribe to: Posts (Atom). हम बचे रहेंगे. सब कुछ के रीत जाने के बाद भी. मां की आंखों में इंतज़ार का दर्शन बचा रहेगा. अटका रहेगा पिता के मन में. अपना एक घर बना लेने का विश्वास. ढह रही पुरखों की हवेली के धरन की तरह. तुम्हारे हमारे नाम के. इतिहास में गायब हो जाने के बाद भी. पृथ्वी के गोल होने का मिथक. उसकी सहनशक्ति की तरह बचा रहेगा. और हम बचे रहेंगे एक दूसरे के आसमान में. आसमानी सतरंगों की तरह ।. व्यक्तिगत पन्ना. बात बोलेगी. 160; प्रौ...
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हम बचे रहेंगे: वरिष्ठ कवि केदारनाथ सिंह
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हम बचे रहेंगे. Monday, August 6, 2012. वरिष्ठ कवि केदारनाथ सिंह. प्रौढ़ता का आभास देने वाला संग्रह. केदारनाथ सिंह. 8216; हम बचे रहेंगे. 8216; उठा हुआ हाथ. इन कविताओं के एक अन्य चरित्र लक्षण ने भी ध्यान आकृष्ट किया। वह है इनकी गहरी स्थानीयता. 8211; किसी आंचलिक अर्थ में नहीं. 8216; पाम्ही. 8216; अनगराहित भाई. 8216; हम बचे रहेंगे. 8211; यह किताब अपने अभीष्ठ पाठक तक पहुंचने में सफल होगी और अपने प्रकाशक. 8216; नयी किताब. केदारनाथ सिंह. विमलेश त्रिपाठी. Subscribe to: Post Comments (Atom). जादुई समय...हम बच...
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हम बचे रहेंगे: मुश्किल दौर में उम्मीद की कविता - क्षमा सिंह
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हम बचे रहेंगे. Friday, August 17, 2012. मुश्किल दौर में उम्मीद की कविता - क्षमा सिंह. मुश्किल दौर में उम्मीद की कविता. क्षमा सिंह. ऐसे समय में जब कविता के मुश्किल दौर की चर्चा हो रही है. युवा कवि विमलेश का काव्य संग्रह. हम बचे रहेंगे. कविता के बचे रहने की. पर व्यंग करते हुए प्रार्थना कविता में वे कहते हैं -. शब्दों से अधिक महत्त्व अशब्दों का जहाँ. तिकड़मी दुनिया वह. नहीं चाहिए. नहीं चाहिए वह. की अर्थवत्ता को लेकर कितना गंभीर है।. और ये शब्द हैं-सुरीली गंध. बिअहुती. नुकारी. कवि ने पित...सुशा...
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ANHAD: March 2011
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Tuesday, March 29, 2011. अंबर रंजना पाण्डेय की कविताएं. मेरी कविताएं ही मेरा वक्तव्य हैं।. अंबर रंजना पाण्डेय. पर अनकी कविताएं प्रस्तुत हैं। आप अपनी राय जरूर रखें.।. दाड़ो दोई हाथ. नयन मिलाये पर फोड़ दिए. काम न आये जी तोड़ दिए. तात-मात रोग में छोड़ दिए. निज भ्राता लूट, ठोंका माथ. दुखी-दीन पलटकर न देखे. लुन्ठना, लीलना ही लेखे. नख से शिख मेखें ही मेखें. किया कुकर्म धोबन के साथ. सुनो मेरी कथा. जीवन गया बृथा. बाहर सारे वैभव भीतर भरी व्यथा. सुनो मेरी कथा. गटागट जहर पिया. जीवन जिया. हवि होते ...कि जल...
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ANHAD: March 2010
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Monday, March 22, 2010. कथाकार मार्कण्डेय का न रहना. पत्नी ने मेरे चेहरे पर आँख गड़ा दिया।. विमलेश त्रिपाठी. Links to this post. उसे सुनो कभी अपने एकांत में. उतनी ही शिद्दत के साथ? विमलेश त्रिपाठी. Links to this post. Friday, March 19, 2010. लौट आना चाहता हूँ. विमलेश त्रिपाठी. Links to this post. Monday, March 15, 2010. करता हूँ प्यार. कहते हैं दुनिया जा रही नाउम्मिंदी की ओर. समय की पीठ पर रह गए हैं महज. हमारी अच्छाईयों के निशान. आज जो दिखता. वह एक अंधी दौड़. किसे किसकी फिकर. इतने युद्ध. ये नयì...
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ANHAD: December 2010
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Tuesday, December 7, 2010. नील कमल की कविताएं. नील कमल का काव्य संग्रह. इस समय के समर्थ युवा कवि. हाथ सुंदर लगते हैं. नील कमल का पहला काव्य संग्रह है जो कलानिधि प्रकाशन, लखनऊ से हाल ही में छपकर आया है।. उक्त संग्रह से तीन कविताएं यहां दी जा रही हैं। आपकी प्रतिक्रियाएं आमंत्रित हैं।. हाथ सुंदर लगते हैं. जब होते हैं किसी दूसरे के हाथ में. पूरी गरमाहट के साथ. हाथ खतरनाक लगते हैं. जब उतरते हैं किसी गर्दन पर. हाथों को पकड़ने की कोशिश में. पाता हूं. गर्दन के आस-पास. अब बचने का मतलब है. दाढ़ी. कभी मा...
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ANHAD: September 2011
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Friday, September 30, 2011. देश भीतर देश - प्रदीप सौरभ (एक अंश). प्रदीप सौरभ. अभी कुछ दिन पहले ही प्रदीप सौरभ का आने वाला उपन्यास. देश भीतर देश. का एक अंश. देश भीतर देश. प्रदीप सौरभ के आने वाले उपन्यास का एक अंश. विनय ने भी गुजराती में जवाब दे दिया-'मजा मा।'. वहां भी देश की भीतर एक देश है क्या. मैं समझी नहीं।'-मिष्ठी ने सवाल के प्रति अनभिज्ञता जताते हुए लिखा।. आखिर ये सवाल क्यों. तो मोदी का विकास एक नाटक है या कुछ और।'. तैयारी चल रही है। वीजा के ल&...अमेरिकी वीजा की...तो पढाई के ब...वहां...
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हम बचे रहेंगे
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हम बचे रहेंगे. Sunday, March 25, 2012. विमलेश त्रिपाठी. Sulabh Jaiswal "सुलभ". June 24, 2012 at 10:58 AM. Sambhav ho to agli post lagayen. Subscribe to: Post Comments (Atom). हम बचे रहेंगे. सब कुछ के रीत जाने के बाद भी. मां की आंखों में इंतज़ार का दर्शन बचा रहेगा. अटका रहेगा पिता के मन में. अपना एक घर बना लेने का विश्वास. ढह रही पुरखों की हवेली के धरन की तरह. तुम्हारे हमारे नाम के. इतिहास में गायब हो जाने के बाद भी. पृथ्वी के गोल होने का मिथक. व्यक्तिगत पन्ना. बात बोलेगी. 160; प्रौढì...ई-मेल क&...
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हम बचे रहेंगे: October 2012
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हम बचे रहेंगे. Tuesday, October 2, 2012. हम बचे रहेंगे पर आदरणीय नामवर सिंह और प्रिय कवि मदन कश्यप की बातचीत. Http:/ www.youtube.com/watch? V=C8izcrFyE1c 'हम बचे रहेंगे' पर प्रो. नावर सिंह और मदन कश्यप की बातचीत. विमलेश त्रिपाठी. Subscribe to: Posts (Atom). हम बचे रहेंगे. सब कुछ के रीत जाने के बाद भी. मां की आंखों में इंतज़ार का दर्शन बचा रहेगा. अटका रहेगा पिता के मन में. अपना एक घर बना लेने का विश्वास. ढह रही पुरखों की हवेली के धरन की तरह. आसमानी सतरंगों की तरह ।. बात बोलेगी. 160; प्रौढ...हम बचे र...
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हम बचे रहेंगे: हम बचे रहेंगे पर आदरणीय नामवर सिंह और प्रिय कवि मदन कश्यप की बातचीत
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हम बचे रहेंगे. Tuesday, October 2, 2012. हम बचे रहेंगे पर आदरणीय नामवर सिंह और प्रिय कवि मदन कश्यप की बातचीत. Http:/ www.youtube.com/watch? V=C8izcrFyE1c 'हम बचे रहेंगे' पर प्रो. नावर सिंह और मदन कश्यप की बातचीत. विमलेश त्रिपाठी. Subscribe to: Post Comments (Atom). हम बचे रहेंगे. सब कुछ के रीत जाने के बाद भी. मां की आंखों में इंतज़ार का दर्शन बचा रहेगा. अटका रहेगा पिता के मन में. अपना एक घर बना लेने का विश्वास. ढह रही पुरखों की हवेली के धरन की तरह. व्यक्तिगत पन्ना. बात बोलेगी. 160; प्रौढ...हम बचे र...