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चला बिहारी ब्लॉगर बननेदोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर...
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दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर...
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चला बिहारी ब्लॉगर बनने | chalaabihari.blogspot.com Reviews
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दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर...
चला बिहारी ब्लॉगर बनने: April 2013
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चला बिहारी ब्लॉगर बनने. दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर. रविवार, 21 अप्रैल 2013. प्रसव पीड़ा. 8220;हेलो सर जी! क्या चल रहा है! 8220;अरे कुछ नहीं, बताइये! 8220;एक मजेदार कांड हो गया. पता है! 8220;कोई बात नहीं, सलाइन चलने दीजिए, डिलीवरी नोर्मल होगी! 8220;बस हो गया! 8220;तो चलिए मुँह दिखाइए! लिखा भी शानदार है! कुमार राधारमण:. शिवम मिश्रा:. मेरे हिसाब से बì...मैं आपके ...जिस क...
चला बिहारी ब्लॉगर बनने: August 2014
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चला बिहारी ब्लॉगर बनने. दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर. मंगलवार, 5 अगस्त 2014. 8220;कुछ मत पूछो, बाद में बात करूँगा! 8221;सब ठीक तो है ना? 8221;सब ठीक है. मगर बहुत जल्दी में हूँ, फिर मिलकर बात करूँगा! 8221;मैं भी साथ चलूँ. शायद ज़रूरत पड़ जाए मेरी? 8221;अच्छा! तो इसी खुशी में उड़े जा रहे हो! 8221;डर कैसा? चोरी की है क्या? 8221;नगद देकर ख़रीदा है! प्रस्तुतकर्ता. सलिल वर्मा. सुंद...सेव...
चला बिहारी ब्लॉगर बनने: April 2014
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चला बिहारी ब्लॉगर बनने. दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर. सोमवार, 21 अप्रैल 2014. झूठा ब्लॉगर. भोजन कैसा बना था). पकवान का सुन्दरता (स्वाद के नाम पर लोग जादातर. शुन्दोर. 8216;भीसन’ सब्द का ऐसा इस्तेमाल हम बंगाल में ही देखे. चचा गालिब का एगो मसहूर शे’र है:. ज़िक्र उस परीवश का, और फिर बयान अपना,. बन गया रक़ीब आख़िर, जो था राज़दान अपना. प्रस्तुतकर्ता. चौथी सालगिरह. सलिल वर्मा. घूम गयì...
चला बिहारी ब्लॉगर बनने: December 2012
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चला बिहारी ब्लॉगर बनने. दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर. शनिवार, 29 दिसंबर 2012. काला शनिवार. आज इस साल ने जाते जाते,. मुँह पे कालिख सी पोत डाली है. सर झुकाए हैं, शर्मसार हैं हम! प्रस्तुतकर्ता. चला बिहारी ब्लॉगर बनने. 30 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: अमानत. चला बिहारी. मंगलवार, 18 दिसंबर 2012. कु)सभ्यता. तुम्हें. राष्ट्र. दूँगा. कुमाता. नदियों. साक्षी. सिंधु. मंगलव...
चला बिहारी ब्लॉगर बनने: February 2014
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चला बिहारी ब्लॉगर बनने. दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर. बुधवार, 19 फ़रवरी 2014. ये कहानी है पुरानी. ओ अन्धे! अभी तूने इधर से किसी को जाते हुए देखा है? 8220;मैं तो अन्धा हूँ. मुझे कहाँ कुछ दिखाई देता है! ओ साधु! तुमने किसी को इधर से जाते हुए देखा है? हे साधु महाराज! आपने किसी को इधर से जाते हुए देखा है क्या? 8220;मैं. आखिर में राजा जी भी रा...प्रणाम ऋषिवर! आप नेत्रह...हमरे...
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मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: March 2015
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मो सम कौन कुटिल खल कामी? रविवार, मार्च 15, 2015. और एक दो महीने बाद वो हमें पूछता था, "चलें? अगले दो घंटों में उसने चलें? इस बार नया साल कश्मीर में मनेगा। मेरे घर पर टेलीग्राम कर दिया गया कि इस तरह से प्रोग्राम थोड़ा बदल गया है और हम दो जनवरी के आसपास घर पहुंच पायेंगे।. पता दोनों को है कि अब जाना नहीं हो पायेगा।. Posted by संजय @ मो सम कौन. Links to this post. Labels: मो सम कौन. संजय अनेजा. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरे हमराह. Lost in the metro. का बरखा जब. Dhari Devi ...
चलो यूँ ही सही...: 2010-05-09
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चलो यूँ ही सही. Friday, May 14, 2010. याद करने के लिए उम्र पड़ी हो जैसे- अहमद फराज. ऐसे चुप हैं, कि यह मंजिल की कड़ी हो जैसे. तेरा मिलना भी जुदाई की घड़ी हो जैसे. अपने ही साए से हर गाम लरज जाता हूँ. रास्ते में कोई दीवार खड़ी हो जैसे. कितने नादां हैं तेरे भूलने वाले कि तुझे. याद करने के लिए उम्र पड़ी हो जैसे. तेरे माथे की शिकन पहले भी देखी थी मगर. यह गिरह अब के मेरे दिल में पड़ी हो जैसे. मंजिलेँ दूर भी है, मंजिलेँ नजदीक भी है. Sunday, May 9, 2010. उम्र भर हम सोचते ही रह गए हर मोड़ पर. Subscribe to: Posts (Atom).
चलो यूँ ही सही...: 2010-04-18
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चलो यूँ ही सही. Saturday, April 24, 2010. सौदेबाज़ों से दोस्ती न की , वो दोस्ती में खूब सौदा करना. मंज़र-ए-इश्क का फूलना फलना. ये दरिया-ए-मय है या फिर कोई दवाखाना. देर शब् तेरी जुम्बिश की आखिरी वो खलिश. हमने खोया था तुझे अब तेरा पाना. रूह को भी गम है तेरे फिराक का. कैडे हयात में इक आस्तां है सागर-ओ-मीना. तुम थे तो एक शहर थी हयात में. अब एक दलील हूँ उस्सक बूटों का बना. इश्क एक दरिया-ए-ज़ख्म है या बाज़ीचा-ए-अत्फाल. Labels: अनुपम कर्ण. Monday, April 19, 2010. आये बनकर उल्लास अभी. आबाद रहे रì...हम सî...
मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: July 2014
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मो सम कौन कुटिल खल कामी? मंगलवार, जुलाई 01, 2014. उस विज़िट के दस-बारह साल बाद सन २००७ के एक दिन सर्जन ने दस मिनट के एक ऑपरेशन में मेरे अंगूठे का वो मस्सा काट दिया।. एक ही बंदे की बेशक वो पीर ही क्यूँ न हो, दो जगह मजार कैसे? और अगर अलग अलग पीरों की मजार है तो ऐसे और कितने होंगे? १ लिंक एक. २ लिंक दो. ३ लिंक तीन. लेकिन मैं ये सब नहीं हूँ, हो भी नहीं सकता।. का जन्मदिवस है, उन्हें सादर श्रद्धाँजलि।. Posted by संजय @ मो सम कौन. Links to this post. मो सम कौन. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मेरे हमराह. 3 माह पहल...
भिनगढ़ी: स्वागत है
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भिनगढ़ी - मेरा गाँव, जो इस महानगर में रहते हुवे भी मेरे मन में समाया हुवा है. Saturday, January 29, 2011. स्वागत है. ब्लॉग जगत के. विद्वतजनों. स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग ‘भिनगढ़ी’. दुःख -. व्याधि. दिन में ही तो घटते हैं. जिंदगी. मुश्किल।. घायलों. रिश्ते. कम्भाक्तों. कहाँ।. गोलियां. मेरे कविता संग्रह 'उलझन' से. हरीश जोशी. दीपक बाबा. January 29, 2011 at 7:19 AM. हरकीरत ' हीर'. January 29, 2011 at 7:48 AM. हरीश जी स्वागत है आपका . अच्छी रचनायें हैं . इन्हें सुधार लें . अरुण चन्द्र रॉय. हरकीरत हीर. डैशब&...
भिनगढ़ी
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भिनगढ़ी - मेरा गाँव, जो इस महानगर में रहते हुवे भी मेरे मन में समाया हुवा है. Wednesday, February 23, 2011. अंत हुआ शीत का. लो आ गया बसंत. बिगड़ैल संत सा. छा गया बसंत. आर्किड के फूलों पर. तितलियों की हलचल. नाच रहे वृक्ष ओढ़. फूलों का ऑंचल. धूल से अबीर ले. पंखुडि़यों से गुलाल. धरा व आकाश में. उड़ा रहा बसंत. चल पड़ी बयार. छोड़ अपना घरबार,द्वार. खिड़की,किवाड़. हर किसी के. खटखटाने लगी. रंग बिरंगे में जेन्सम में. खासी किशोरियां. चर्च को तैयार. मधुर स्वर में. कोरस गाने लगीं. पवन ताल ठोक रहा,. जोशी ज...वसं...
चलो यूँ ही सही...: 2010-05-02
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चलो यूँ ही सही. Saturday, May 8, 2010. फिर हरे होने लगे जख्म पुराने कितने- पूनम कौसर. उनको देखा तो पलट आए जमाने कितने . फिर हरे होने लगे जख्म पुराने कितने. मशवरा मेरी वसीयत का मुझे देते हैं. हो गए हैं, मेरे मासूम सियाने कितने. मेरे बचपन की वो बस्ती भी अजब बस्ती थी. दोश्त बन जाते थे इक पल में बेगाने कितने. उनकी तस्वीर तो रख दी है हटाकर लेकिन. फिर भी कहती है यह दीवार फसाने कितने. कितनी सुनसान है कौसर अब इन आँखो की गली. मेरा नया घर. मेरे नये घर में. पत्नी बच्चे और मैं. Wife, children and I. उसकी आख...
|| आकाश के उस पार ||: लकीरें
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आकाश के उस पार. लकीरें. उस सुबह जब आँख खोलीं , थीं लकीरें. किसने आखिरकार खींची ये लकीरें ,. कल तलक हम साथ हँसते , साथ रहते. आज दोनों को अलग करतीं लकीरें. साथ थे , पर आज से दोनों अलग हैं ,. अब नहीं वो शाम की महफ़िल सजेंगीं ,. उस राह पर तो आज भी निकलेगा तू , पर. अब नहीं वो राह मेरे घर रुकेंगीं ,. चौपाल पर बैठूंगा जाके रोज , लेकिन. अब नहीं साझे की वो चिलमें जलेंगीं,. प्यार अपना आज कम लगने लगा है ,. प्यार से शायद बड़ी हैं ये लकीरें. इस साल भी रमजान होगा घर हमारे ,. Posted by Akash Mishra. ये कलम हì...
खेती-बाड़ी: September 2009
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खेती-बाड़ी. कुदाल, कलम और कूची के बीच सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रहे एक किसान का ब्लॉग. There was an error in this gadget. Saturday, September 5, 2009. ब्रोकोली खाइए, ब्रोकोली उगाइए. अब वैज्ञानिक भी बता रहे इसके गुण. एनआरएफ2 प्रोटीन उन धमनियों में ज्यादा सक्रिय नहीं होता जो बीमारी के लिए संवेदनशील होती हैं।. पर आप को जरूरी जानकारियां मिल जाएंगी।. Posted by Ashok Pandey. Saturday, September 05, 2009. Labels: खान-पान. चिकित्सा. चिकित्सा विज्ञान. ब्रोकोली. सब्जी. Links to this post. नए युग क&#...
चलो यूँ ही सही...: 2010-05-16
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चलो यूँ ही सही. Friday, May 21, 2010. बरखा की भोर - डॉ. देवव्रत जोशी. बनपाँखी बूँदोँ का शोर :. बरखा की भोर।. सूरज दिखाई नहीं देता साफ. अधजागा लेटा हूँ ओढकर लिहाफ. नाच रहे हैं अब तक आँखों में सपनों के भोर ।. मेघोँ की पँखुरियोँ में बंदी किरणोँ के छन्द धरती से उठकर फैली है आकाशोँ में माटी की गंध. स्नानवती दिशाएं समेट रहीं. आँचल के छोर ।. बनपाँखी बूँदोँ का शोर :. बरखा की भोर।. और कुछ देर यूँ ही शोर मचाए रखिए. और कुछ देर यूँ ही शोर मचाए रखिए ,. कम से कम उसकी तरफ आँख उठाए रखिए. Thursday, May 20, 2010. चा...
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Blog de chala64 - coucou à toi ki vien fer un pti tour sur mon blog! - Skyrock.com
Mot de passe :. J'ai oublié mon mot de passe. Coucou à toi ki vien fer un pti tour sur mon blog! Slt jmapel charlène é mi bask mi béarnaise com on di ici! G17an é jsui o lyC à st Cricq à PAU. jV vous fer partaG kelk une de mé passion à savoir lé amis, la fête é le rugby! Car pr moi le rugby né pa k1 sport mé o6 une passion! Alors allez l'usep (Ger-Séron), le RC.Lons é le stade toulousain! Mise à jour :. Abonne-toi à mon blog! Voilà on pe commenC lé présentation! Ça Cmoi pour ce ki mconnaisse pa encor!
colossal.titan_78
Society in the 21st century see’s youth as the root of all it’s problems. They label young adults as lazy, money-sucking troublemakers with arrogant attitudes. Even TV programs, films, music clips and novels have labelled youth as a negative in society. Why exactly is youth portrayed in such a bad light? This poem is to be told through ‘Rosa Hubermanns’ view in the story, ‘The Book Thief’:. I hate to wash clothes – I mean, it really blows. Vaccinations are a MUST! There have been so many rumours over the...
Blog de chala96 - Bigbang <3 - Skyrock.com
Mot de passe :. J'ai oublié mon mot de passe. Je t'aime John! 3 Mon bébé 3. Mise à jour :. Abonne-toi à mon blog! Ce blog n'a pas encore d'articles. Poster sur mon blog.
Blog de chalaaa - мα νιє, мєѕ αмσυяѕ, мєѕ ¢нєяιєѕ - Skyrock.com
Mot de passe :. J'ai oublié mon mot de passe. 1084;α νιє, мєѕ αмσυяѕ, мєѕ нєяιєѕ. Un sky' pour ceux que j'aime. Mise à jour :. Mon new blog http:/ b-camy.skyblog.com. Abonne-toi à mon blog! Un blog pour montrer aux gens que j'aime. Que c'est pour la vie. Merci d'etre la pour moi. Comme mi je vous aime. Ou poster avec :. Retape dans le champ ci-dessous la suite de chiffres et de lettres qui apparaissent dans le cadre ci-contre. Posté le mardi 13 mars 2007 14:34. Modifié le vendredi 16 mars 2007 15:50.
Chala Abhyaas Karu | Home Style I
क लकर ण क ल स स. वर तम न पत र त. एकप त र क र यक रम. म न यवर सह. क लकर ण क ल स स. वर तम न पत र त. एकप त र क र यक रम. म न यवर सह. आजच र ज स ट र शन कर , अध क म ह त स ठ स पर क स ध! चल अभ य स कर! चल अभ य स कर! Our philosophy is learning through play as we offer a stimulating environment for children. Pulvinar est metro ligula blandit maecenas retrum gravida cuprum. Maecenas node estibulum. Pulvinar est metro ligula blandit maecenas retrum gravida cuprum. Maecenas node estibulum. क र यक रम स ख य. Positive lear...
चला बिहारी ब्लॉगर बनने
चला बिहारी ब्लॉगर बनने. दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर. शनिवार, 23 सितंबर 2017. कृष्ण सखी - एक प्रतिक्रया. डॉ. प्रतिभा सक्सेना. डॉ. प्रतिभा सक्सेना का नवीनतम उपन्यास है, जिसकी प्रतीक्षा कई वर्षों से थी. केन्द्रीय भाव:. यशस्विनी और समर्थ नारी को रूप में. कृष्ण सखी के अर्थ को चरितार्थ करता है. अंत में:. प्रस्तुतकर्ता. चला बिहारी ब्लॉगर बनने. लेबल: कृष्ण सखी. सलिल वर्मा. 8221;कैस...
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ここが細くないからダメ、体重が kgにならないとダメ、などと自分を否定してダイエットを続けると、美しさを超えた 痩せ過ぎ を引き起こし健康面でのリスクも心配されます。 美しい と 痩せてる は必ずしもイコールじゃない. 自分 と 今 を好きになろう.
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مراسم يادواره سرداران و شهداي. ايل غيورشوهان و عمليات غرورآفرين والفجر 5 درروز جمعه مورخه 92/12/16 در جوار امامزادگان سيد جليل وسيد خليل (ع) واقع در روستاي قديمي چنگوله برگزار مي گردد از عموم همشهريان عزيز جهت شركت در اين مراسم دعوت بعمل مي آيد. ستاد مردمي يادواره سرداران وشهداي ايل شوهان. اطلاعات بيشتر متعاقبا در همين قسمت درج مي گردد. نوشته شده در دوشنبه بیست و هشتم بهمن ۱۳۹۲ ساعت 13:34 توسط طبیعت شناس. مردم چالاب در راهپيمايي 22بهمن. نوشته شده در چهارشنبه بیست و سوم بهمن ۱۳۹۲ ساعت 15:23 توسط طبیعت شناس.