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Sahityaकुछ रचनाये अंकिता पंवार की
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की
Sahitya: Ankita Panwar
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Wednesday, 4 April 2012. आज प्रस्तुत हे उत्तराखंड की कवियत्री अंकिता पंवार की भाव पूर्ण रचना. गरीबी दुष्चक्र. प्रति छन प्रत्यक जगह एक से हालात नहीं होते. जब कुछ लोग चैन से होते हे. तो कहीं होती हे. दिल दहला देने वाली चीत्कारें. कहीं उम्मीद दूर रही होती हे. और कहीं भ्रस्टाचार की साड़ी सीमाए. चमचमाती भारतीय अर्थव्यवस्था को जब. ओबामा भी सलाम कर रहा हे,तब. जेसे प्राकृतिक आपदाव. के कारन व परिणाम. पिसता रहा हे. शब्दों क...अंकि...
Sahitya: Ankita Panwar
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Thursday, 29 March 2012. ऊँचे पहाड़ की चोटी से निकलते सूरज की. खुबसूरत हलकी गुनगुनी धूप. पहाड़ के उस हिस्से की हरियाली. कुछ ही दूर बिछी हुई कोहरे की चादर. कही भीतर फूटता हुआ झरना. और निरंतर बढता हुआ आगे की और. में मानती हूँ की यूं प्रक्रति प्रेमी हो. चाहते हो ताउम्र निहारना. पर उससे पहले मेरी भी कुछ सुन लो. पहाड़ सिर्फ स्वम ही पहाड़ नहीं होते. हर उस शख्स को जो उनसे जुड़ जाय. BHARATVIHAR NEAR RISHI GAS GODAM. शब्दों...अंक...
Sahitya: Ankita Panwar
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Saturday, 5 May 2012. आज का सच. किसी भी शब्द के. सबके लिये भिन्न-भिन्न अर्थ होते हैं. मैं तुमसे पूछना चाहती हूँ- प्रेम क्या है? शब्दों को दो-तीन बार दोहरा देना ही. यही सोचते हो तुम. सुनने व समझने का. वक्त ही कहां है तुम्हारे पास. तुम हो चुके हो शामिल उन लोगों में. जिन्हें सिर्फ भौतिकता ने जकड़ रखा है. जीवन का एक संवेदनात्मक पक्ष भी है. जो कि मेरे भीतर अब भी जिन्दा है. प्रसन्न वदन चतुर्वेदी. 17 May 2012 at 18:33. शब्दो&#...अंक...
Sahitya: साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Friday, 1 June 2012. साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. Subscribe to: Post Comments (Atom). साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. स्वर अंकिता. अंकिता पंवार पहाडो के प्रदेश देवभूमि उत्तराखंड की उभरती हुई कवियत्री हे अंकिता पंवार. आपका जन्...आज का सच किसी भी शब्द के सबके लिये भिन्न-भिन्न अर्थ होते हैं मí...शब्दों को दो-तीन बार दोहरा देन. साँझ, मई २०१२. साँझ के मई २०१२ के अंक मे&#...प्रस्तुत हí...उजाडì...
Sahitya: April 2012
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कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Wednesday, 4 April 2012. आज प्रस्तुत हे उत्तराखंड की कवियत्री अंकिता पंवार की भाव पूर्ण रचना. गरीबी दुष्चक्र. प्रति छन प्रत्यक जगह एक से हालात नहीं होते. जब कुछ लोग चैन से होते हे. तो कहीं होती हे. दिल दहला देने वाली चीत्कारें. कहीं उम्मीद दूर रही होती हे. और कहीं भ्रस्टाचार की साड़ी सीमाए. चमचमाती भारतीय अर्थव्यवस्था को जब. ओबामा भी सलाम कर रहा हे,तब. जेसे प्राकृतिक आपदाव. के कारन व परिणाम. पिसता रहा हे. Monday, 2 April 2012.
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साँझ: संपादक
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उभरती प्रतिभाओ को समर्पित ई - पत्रिका. मुखपृष्ठ. संपादिका की रचनाये. रचनाये भेजे. संपादिका - अंकिता पंवार. सहसंपादक - सुधीर मौर्य 'सुधीर'. संपादिका- अंकिता पंवार. भारत विहार, निकट ऋषि गैस गोदाम. हरिद्वार रोड. ऋषिकेश, २४९२०१. सुधीर मौर्य 'सुधीर'. ग्राम व पोस्ट- गंज जलालाबाद. जनपद- उन्नाव, २०९८६९. Subscribe to: Posts (Atom). ब्लॉग प्रस्तुति. साँझ,जून २०१२-सामग्री. साँझ जून २०१२ , सम्पादकीय. जून २०१२ अतीत से. जून २०१२ काव्य धरा. जून २०१२-कथासागर. जून २०१२ व्यंग - मृदंग. जून २०१२-लेख- आलेख.
साँझ: June 2012
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उभरती प्रतिभाओ को समर्पित ई - पत्रिका. मुखपृष्ठ. संपादिका की रचनाये. रचनाये भेजे. संपादिका - अंकिता पंवार. सहसंपादक - सुधीर मौर्य 'सुधीर'. Friday, 1 June 2012. साँझ,जून २०१२-सामग्री. अतीत से में - शहरयार, अदम 'गोंडवी', फिराक गोरखपुरी, और परवीन शाकिर. कथासागर में - डॉ. तारा सिंह की लघुकथा. व्यंग-मृदंग में - स्वप्निल शर्मा. लेख-आलेख में - निकिता बेदी. Labels: सामग्री. साँझ जून २०१२ , सम्पादकीय. वो थी दुनिया की पहली नज़्म. सुधीर मौर्या 'सुधीर'. Labels: सम्पादकीय. जून २०१२ अतीत से. फिराक गो...वुसतí...
साहित्य - 'नारी दस्तख़त': वयोलेता पारा
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साहित्य - 'नारी दस्तख़त'. मुखपृष्ठ. रीना मौर्य. सबा युनुस. अंकिता पंवार. क्षितिजा. विनीता जोशी. डॉ. दिव्या श्रीवास्तव. Friday, 1 June 2012. वयोलेता पारा. खुदा की लानत इस खाली आसमान पर. और रात के सितारों पर. खुदा की लानत इस रास्ता चलती. और कलकल करती नदी पर. खुदा की लानत इन पत्थरों पर. जो राहों की धूल में लिपटे हुए. खुदा की लानत इस चूल्हे की आग पर. की मेरा दिल कच्चा गोस्त हे. खुदा की लानत वक़्त के कानूनों पर. जो हमारे दर्द को. जाते हें. 4 October 1917 – 5 February १९६७. संजय भास्कर. 11 June 2012 at 08:13.
साहित्य - 'नारी दस्तख़त': विनीता जोशी
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साहित्य - 'नारी दस्तख़त'. मुखपृष्ठ. रीना मौर्य. सबा युनुस. अंकिता पंवार. क्षितिजा. विनीता जोशी. डॉ. दिव्या श्रीवास्तव. विनीता जोशी. वो लड़की. चिड़िया. बन जाना चाहती हे. वो लड़की. इसलिए की. इन खिडकियों से. उडकर छु सके. जहां हे. इन्द्रधनुष. चुगना चाहती हे वो. उसका एक एक रंग. और सजा देना चाहती हे. अपना घोसला. चिड़िया बन जाना चाहती हे. वो लड़की. इसलिए की. चिड़िया. ठुकराई नहीं जाती. विनीता जोशी की दस कविताएँ. माँ जब तक रहेगी. जब तक रहेगी. छोटी-छोटी. धनिया/पुदीना. खिलेंगे. आँगन में. देहरी पर. पाली ...रिश...
साहित्य - 'नारी दस्तख़त': अमृता प्रीतम
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साहित्य - 'नारी दस्तख़त'. मुखपृष्ठ. रीना मौर्य. सबा युनुस. अंकिता पंवार. क्षितिजा. विनीता जोशी. डॉ. दिव्या श्रीवास्तव. Saturday, 26 May 2012. अमृता प्रीतम. धरती ने गहरी सांस ली, आसमान ने सिसकी भरी. फूलों का एक काफिला था, आज वह रेगिस्तान से गुज़रा. मेरे इश्क के ज़ख्म तेरी याद ने सीए थे. आज मैंने टाँके खोलकर, वह धागा तुझे लौटा दिया. मेरी रात जाग रही है, तेरा ख्याल सो गया. Subscribe to: Post Comments (Atom). अमृता प्रीतम. अमृता प्रीतम. परवीन शाकिर. THE HOUSE OF EMPTY EYES. अलका निगम. View my complete profile.
साहित्य - 'नारी दस्तख़त': May 2012
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साहित्य - 'नारी दस्तख़त'. मुखपृष्ठ. रीना मौर्य. सबा युनुस. अंकिता पंवार. क्षितिजा. विनीता जोशी. डॉ. दिव्या श्रीवास्तव. Saturday, 26 May 2012. अमृता प्रीतम. धरती ने गहरी सांस ली, आसमान ने सिसकी भरी. फूलों का एक काफिला था, आज वह रेगिस्तान से गुज़रा. मेरे इश्क के ज़ख्म तेरी याद ने सीए थे. आज मैंने टाँके खोलकर, वह धागा तुझे लौटा दिया. मेरी रात जाग रही है, तेरा ख्याल सो गया. Saturday, 19 May 2012. अमृता प्रीतम. हम ने आज ये दुनिया बेचीं,. और एक दीं खरीद के लाये,. बदल का इक जाम उठा कर. Wednesday, 9 May 2012.
साहित्य - 'नारी दस्तख़त': परवीन शाकिर
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साहित्य - 'नारी दस्तख़त'. मुखपृष्ठ. रीना मौर्य. सबा युनुस. अंकिता पंवार. क्षितिजा. विनीता जोशी. डॉ. दिव्या श्रीवास्तव. Wednesday, 9 May 2012. परवीन शाकिर. अजीब तर्ज़ -ऐ -मुलाक़ात अब की बार रही. तुम्हीं थे बदले हुए या मेरी निगाहें थीं. तुम्हारी नज़रों से लगता था जैसे मेरइ बजाये. तुम्हारे घर मैं कोई और शख्स आया है. तुम्हारे ओहद की देनें तुम्हें मुबारक. सो तुम ने मेरा स्वागत उसी तरह से किया. जो अफसरान -ऐ -हुकूमत क ऐताकाद मैं है. अदब पर भी कोई दो चार तबसरे फरमाए. Subscribe to: Post Comments (Atom).
साहित्य - 'नारी दस्तख़त': ये क्या किया आपा...
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साहित्य - 'नारी दस्तख़त'. मुखपृष्ठ. रीना मौर्य. सबा युनुस. अंकिता पंवार. क्षितिजा. विनीता जोशी. डॉ. दिव्या श्रीवास्तव. Tuesday, 26 June 2012. ये क्या किया आपा. मैं मेरी बड़ी बहन जो M.A. कर रही थी और मेरी प्यारी माँ और अब्बू , हम सब बुहत ही खुशमिजाजी से रह. एक रोज़ हमेशा की तरह मैं स्कूल निकल गयी और अब्बू आप को छोरने कॉलेज चले गये , माँ हमेशा. कहाँ आप? मैं अब नहीं आउंगी , मुझे माफ़ कर दें ” इससे पहले मैं ...है , उन्होंने फ़ौरन मेरा हाथ पकड़...अब नहीं आयेगी .” मा...मुझे कुछ जवाब...थी , मै&#...बित...
ब्लाग तड़ाग: July 2012
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ब्लाग तड़ाग. सुधीर का काव्य सरोवर. साहित्य. मित्र मधुर. विजेट आपके ब्लॉग पर. इस ब्लॉग के अधिकाँश चित्र गूगल से सभार लिए ग. ए हैं. कॉपीराईट नोटिस. Image by Cool Text: Free Graphics Generator. Tuesday, 31 July 2012. दोशीजा-नखवत. बाद मुद्दत के आया मेरे ख्वाब में. पुरखार-ऐ-बयाबां इरम हो गया. उल्फत से खुल गई मिज्गा-ऐ-तश्ना. हाय ये क्या हुआ क्या गजब हो गया. दोशीजा-ऐ-नखवत की गिरी बर्क ऐसे. आशियाना-ऐ-मुहब्बत ख़तम हो गया. देख ग़ुरबत रकीब-ऐ-सनम हो गया. ख्वाब आया तो यह करम हो गया. Posted by Sudheer Maurya 'Sudheer'.
ब्लाग तड़ाग: May 2015
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ब्लाग तड़ाग. सुधीर का काव्य सरोवर. साहित्य. मित्र मधुर. विजेट आपके ब्लॉग पर. इस ब्लॉग के अधिकाँश चित्र गूगल से सभार लिए ग. ए हैं. कॉपीराईट नोटिस. Image by Cool Text: Free Graphics Generator. Friday, 15 May 2015. कलम से.: खूबसूरत अंजलि उर्फ़ बदसूरत लड़की की कहानी - सुधीर . कलम से.: खूबसूरत अंजलि उर्फ़ बदसूरत लड़की की कहानी - सुधीर . Posted by Sudheer Maurya 'Sudheer'. Subscribe to: Posts (Atom). I disown greedy power which causes to slavery! View my complete profile. चर्चामंच. चर्चा - 2606. हमें स...पुस...
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Geet Kala
गीत कलश
काव्य का व्याकरण मैने जाना नहीं छंद आकर स्वयं ही संवरते गये. Monday, August 10, 2015. तुम पर निर्भर. मैंने तो शब्दों में अपने मन के भाव पिरोये सारे. तुम पर निर्भर, तुम जो चाहो वो ही इनका अर्थ निकालो. लिखता हूँ मैं शब्द हवा के झीलों में ठहरे पानी के. और पलों के जिनमें पाखी उड़ने को अपने पर तोले. तुम सोचो तो संभव वे पल होलें किसी प्रतीक्षा वाले. तुम चाहो तो हवा कुन्तलों की झीलें नयनों कि होलें. मैं अपने खींचे वृत्तों में रह जा. ता हूँ होकर बंदी. राकेश खंडेलवाल. Links to this post. Monday, August 03, 2015.
गीतकार की कलम
गीतकार की कलम. Monday, February 16, 2015. इसलिए आओ हृदय में. नयन ने दिन रात दीपक इक प्रतीक्षा के जलाये. होंठ ने तव नाम सरगम में पिरो कर गीत गाये. साधना के मंत्र रह रह कर तुम्हें उच्चारते है. इसलिए आओ हृदय में, प्यास प्यासी रह न जाए. ज़िंदगी के कक्ष में बढ़ती हुई एकाकियत की. आँधियों में घिर रहा है पूर्ण यह अस्तित्व मेरा. रूप की खिलती हुई जब धूप का सान्निध्य पाउन. सहज ही मिट जाएगा बढता हुआ गहरा अन्धेरा. हर अलक्षित कल्पना के बंधनों को काट आओ. राकेश खंडेलवाल. Links to this post. Monday, February 9, 2015. द...
Sahitya
कुछ रचनाये अंकिता पंवार की. मुखपृष्ठ. साहित्य-'नारी दस्तखत'. ब्लाग तड़ाग. Friday, 1 June 2012. साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. साँझ: साँझ,जून २०१२-सामग्री. Saturday, 5 May 2012. आज का सच. किसी भी शब्द के. सबके लिये भिन्न-भिन्न अर्थ होते हैं. मैं तुमसे पूछना चाहती हूँ- प्रेम क्या है? शब्दों को दो-तीन बार दोहरा देना ही. यही सोचते हो तुम. सुनने व समझने का. वक्त ही कहां है तुम्हारे पास. तुम हो चुके हो शामिल उन लोगों में. जीवन का एक संवेदनात्मक पक्ष भी है. Thursday, 3 May 2012. साँझ, मई २०१२. जब कुछ लí...
Madhu Mohini Upadhyay
ड अश क चक रधर. ग प लद स न रज. Wah Wah Kya Baat Hai More Vedios. Site By: www.rpgwebsolutions.com.
Geet Kosh | गीतकोष : हिंदी फिल्मी गीतों का सम्पूर्ण संग्रह
Browse Lyrics by Track Title:. Tera Noor Lyrics from Tiger Zinda Hai. Daata Tu Lyrics from Tiger Zinda Hai. Zinda Hai Lyrics from Tiger Zinda Hai. Dil Diyan Gallan Lyrics from Tiger Zinda Hai. Swag Se Swagat Lyrics from Tiger Zinda Hai. Ek Dil Ek Jaan Lyrics from Padmavati. Ghoomar Lyrics from Padmavati. Teri Meri Kahaani Lyrics from Gabbar Is Back. Journey Song Lyrics (hum chale baharon mein) from Piku. Line Laga Lyrics from Hey Bro. Bulbul Lyrics from Hey Bro. Hu Tu Tu Lyrics from Hey Bro. Daata Tu Lyr...
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Rechtstreeks van de hoeve aan de verbruiker. Afkomstig van dieren geboren en gekweekt op onze hoeve. Luc en Christine De Vylder - Van Neer. Luc de vylder@telenet.be. Rundvlees - Lamsvlees - Kalfsvlees.
geetlord (Geet Lord) | DeviantArt
Window.devicePixelRatio*screen.width 'x' window.devicePixelRatio*screen.height) :(screen.width 'x' screen.height) ; this.removeAttribute('onclick')". Deviant for 14 Years. This deviant's full pageview. Last Visit: 467 weeks ago. This is the place where you can personalize your profile! By moving, adding and personalizing widgets. You can drag and drop to rearrange. You can edit widgets to customize them. The bottom has widgets you can add! Some widgets you can only access when you get Core Membership.
Chila Kurippukal
Few of my scribblings. Monday, October 06, 2014. I know its been long time now. I would like to thank. For sharing these wonderful awards with me. I am really pleased to receive these awards. I would also like to thank Sanghi. For sharing these awards with all her blogging frineds. Thursday, June 11, 2009. All purpose flour 1-1/2 cup. Baking powder 1-1/2 tsp. Grated rind of 1 large orange. Preheat the oven to 350'C. Mix the flour, salt, sugar, grated rind or orange and the baking powder. Mampaza Pulisher...