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मंथन | पृष्ठ 2
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भ रत स ड . मध स ध क द लघ कथ ए. मई 19, 2010. एम ए प .एच. ड .(ह द ). प एचड . क व षय : सप तम दशक क ह न द कह न म मह ल ओ क य गद न. सम प रत : ग र न नक द व व श वव द य लय क ह द व भ ग म प र फ़ सर एव व श व द य लय अन द न क ब हद श द ध पर य जन क प र स पल इन व स ट ग टर. प रक श त स ह त य:. कह न स ग रह :. १) न यत और अन य कह न य , द ल ल , शब द स स र, २००१,. २) आव ज़ क ज द गर, न शनल, (प रक श ध न). कह न स कलन :. ३) कह न श खल , द ल ल , न र मल, २००३. गद य स कलन: (४) गद य त र य , अम तसर, ग र न नक द व व श वव द य लय, २००७. बहन न ...
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जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन: ब्लागवाणी को लेकर बनी जॉच समिति, जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन 30 दिनों के अ
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जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन. शुक्रवार, 2 जुलाई 2010. ब्लागवाणी को लेकर बनी जॉच समिति, जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन 30 दिनों के अंदर वापस लाने को कटिबद्ध. जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन. की 30 जून को इलाहाबाद मे अति आवाश्यक बैठक. प्रथम प्रस्ताव में महाशक्ति ब्लाग के प्रमेन्द्र प्रताप सिंह. को हिनदी चिट्ठकारी के 5 साल पूरा करने पर गले मिल कर बधाई दी गई।. को 4 जुलाई को होने वाले परिणय के उपलक्ष मे हार्दिक बधाई दी गई ।. व नीशू नीशू तिवारी. इनके अतिरिक्त जूनियर ब्लॉगर एस...मानी जायेगी। इस...उत्तर दें. आपके प्रय&...उत्...
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जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन: " 19 दिसम्बर की वह सुबह "------------मिथिलेश दुबे
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जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन. रविवार, 19 दिसंबर 2010. 19 दिसम्बर की वह सुबह "- - - - - - मिथिलेश दुबे. ओम् विश्वानि देवः सवितुर्दुरुतानि. यद्रं भद्रं तन्न आसुव. उच्चारण किया ।. बिस्मिल. आदि की तरह वीरता से धर्म और देश के लिए जान दो, चिन्ता करने और पछताने की जरुरत नही है । बिस्मिल हंस पड़े और बोले. हम जिंदगी से रुठ के बैठे हैं. अब जिंदगी से हमको मनाया न जायेगा।. यारों है अब भी वक्त हमें देखभाल लो,. फिर कुछ पता हमारा लगाया न जाएगा ।. श्री मुरली धर. चार्जशीट. प्रस्तुतकर्ता. उन्मुक्त. लाल रंग की ...बहुत अच&#...
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जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन: ब्लागवाणी की वापसी की जॉच रिपोर्ट पूरी
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जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन. सोमवार, 16 अगस्त 2010. ब्लागवाणी की वापसी की जॉच रिपोर्ट पूरी. जूनियर ब्लागर एसोशिएशन. ने 1 माह पूर्व यह घोषणा की थी कि वह ब्लागवाणी को लाने के लिये कटिबद्ध है। इसके लिये. प्रमेन्द्र प्रताप सिं. निशान्त त्रिपाठी. ब्लागवाणी के सम्बन्ध मे और क्यो वापसी होनी चाहिये ब्लागवाणी की. हम15 अगस्त तक सभी के ईमेल की प्रतीक्षा कर रहे थे।. ताकि वह अपनी राय दे सकें।. अत्यंत खेद भी है कि हिन्दी उत्थान...अविनाश वाचस्पति जी,. अरविन्द मिश्र जी,. ब्लागवाणी...प्रमेन्&#...ब्...सोम...
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दयार-ए-रंजन: श्रद्धांजलि - जनाब श्री अहमद फ़राज़ साहब (1931-2008)
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रंजन" पागल शायर है बेढंगी इबादत करता है, मस्जिद में आरती गाता है, मंदिर में नमाज़ें पढता है. Tuesday, August 26, 2008. श्रद्धांजलि - जनाब श्री अहमद फ़राज़ साहब (1931-2008). कल (25 अगस्त, 2008) उर्दू अदब के एक स्वर्णिम अध्याय का दुःखद अंत हो गया! जनाब श्री अहमद फ़राज़ साहब हमारे बीच नही रहे! उन्होने इस्लामाबाद के एक अस्पताल में अंतिम सासें लीं! खुदा उनकी रूह को तस्कीन-ए-अर्श बक्शे! जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें. आज हम दार पे खैंचे गए जिन बातों पर,. जनाब अहमद फ़राज़ साहब. August 26, 2008 at 3:25 PM.
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दयार-ए-रंजन: पौधे से जुदा होकर...
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रंजन" पागल शायर है बेढंगी इबादत करता है, मस्जिद में आरती गाता है, मंदिर में नमाज़ें पढता है. Sunday, August 10, 2008. पौधे से जुदा होकर. वो यूं तो मुस्कुराता है मगर सहमा हुआ होकर,. सजा है फूल गुलदस्ते में पौधे से जुदा होकर. मेरी तकलीफ़ का एहसास उसको है तभी शायद,. उडा जाता है अश्कों को फ़िज़ाओं में सबा होकर. फ़कत पल भर ही देखा और नज़रें फेर लीं गोया,. बची हों कुछ अदाएं बेवफ़ाई में वफ़ा होकर. यहां बरसात के मौसम भी अब कुछ ऎसे लगते हैं,. रंजन गोरखपुरी. विनय प्रजापति 'नज़र'. August 11, 2008 at 12:46 AM. कि प...
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दयार-ए-रंजन: ये इश्क इश्क है इश्क इश्क...
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रंजन" पागल शायर है बेढंगी इबादत करता है, मस्जिद में आरती गाता है, मंदिर में नमाज़ें पढता है. Sunday, August 3, 2008. ये इश्क इश्क है इश्क इश्क. सागर में कहीं डूब गई मय तो इश्क है,. आराइशों में कैद हुई शै तो इश्क है. दर्द-ओ-फ़ुगां यहां पे कोई चीज़ ही नही,. कांटों में अगर जश्न लगा है तो इश्क है. रुसवा अगर ये ज़ीस्त हुई, इश्क नही है,. रूहों में अगर हिज्र हुई, इश्क नही है. छूने से फ़कत साथ जो महसूस हो बिस्मिल,. जब भी अना रकीब लगे, इश्क वहीं है. रंजन गोरखपुरी. अच्छी रचना,. August 4, 2008 at 7:23 AM. शो...
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