kavitacollection.blogspot.com
कविता संग्रह: January 2009
http://kavitacollection.blogspot.com/2009_01_01_archive.html
कविता संग्रह. मैं यहाँ पर अपनी कविताओ का परिचय आपके साथ कराने की कोशिश कर रहा हूँ, आशा करता हूँ की आपको मेरी रचनायें पसंद आयेंगी. Thursday, January 22, 2009. याद देश की आती है. छोडा अपना देश बहुत सालो पहले. याद तो फिर भी आये मिटटी माँ मेरी. नहर गाँव की कैसे भूलें , कैसे भूलें खेतो को. मास्टर जी ने मुर्गा बनाकर खूब सिखाया गणित हमें. याद आते है बैल हमारे जिनकी जोड़ी शानदार थी. याद आते है सरसों और गेंहू के हर भरे खेत खलिहान. राम त्यागी. Links to this post. Monday, January 19, 2009. Links to this post. बह...
meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com
मेरी आवाज : March 2010
http://meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com/2010_03_01_archive.html
मेरी आवाज. मन के अंतर्द्वंदों का प्रतिबिम्ब उतारने की कोशिश कर रहा हूँ . . . अन्जान तूफान में फँसी मेरी नाव निकालने का प्रयास कर रहा हूँ . . . हिंदी - हमारी मातृ-भाषा, हमारी पहचान. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना योगदान दें! ये हमारे अस्तित्व की प्रतीक और हमारी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है! मंगलवार, 30 मार्च 2010. अप्रैल फूल = कां ग्रे स का मतलब ' कहाँ गए सिद्धांत? वैसे भी आजादी से पहले की बात छोढ़ दें तो कब इसन&#...जय हिंद! Posted by राम त्यागी. मंगलवार, मार्च 30, 2010. Links to this post. एक छ&...
kavitacollection.blogspot.com
कविता संग्रह: July 2010
http://kavitacollection.blogspot.com/2010_07_01_archive.html
कविता संग्रह. मैं यहाँ पर अपनी कविताओ का परिचय आपके साथ कराने की कोशिश कर रहा हूँ, आशा करता हूँ की आपको मेरी रचनायें पसंद आयेंगी. Thursday, July 22, 2010. बढता ही जाऊँगा. मैं ना रुकूँगा. ना ही हारूँगा. बस प्रयास के रास्ते. बढता ही जाऊँगा! सपने संजोकर. कर्मठ की कसौटी पर. आशा के दीप जला. बढता ही जाऊँगा! नदिया का बहना. सूरज का उगना. सीख लेकर प्रकृति से. बढता ही जाऊँगा! मेरी आवाज. राम त्यागी. Links to this post. Monday, July 19, 2010. यादें. जो भूले ना जाती हैं. इनका स्मरण. से मुझे. खुद को. फिर से. जहा...
meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com
मेरी आवाज : October 2010
http://meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com/2010_10_01_archive.html
मेरी आवाज. मन के अंतर्द्वंदों का प्रतिबिम्ब उतारने की कोशिश कर रहा हूँ . . . अन्जान तूफान में फँसी मेरी नाव निकालने का प्रयास कर रहा हूँ . . . हिंदी - हमारी मातृ-भाषा, हमारी पहचान. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना योगदान दें! ये हमारे अस्तित्व की प्रतीक और हमारी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है! रविवार, 31 अक्तूबर 2010. हेलोवीन की डरावनी और रंगीन शाम मुबारक हो (कुछ चित्रों के साथ). 160; . 160; मैंने तो नेता जैसे भेष धरा था क्य&#...रंगबिरंगी पोशाकें -. Posted by राम त्यागी. Links to this post. कभ...
meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com
मेरी आवाज : May 2009
http://meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com/2009_05_01_archive.html
मेरी आवाज. मन के अंतर्द्वंदों का प्रतिबिम्ब उतारने की कोशिश कर रहा हूँ . . . अन्जान तूफान में फँसी मेरी नाव निकालने का प्रयास कर रहा हूँ . . . हिंदी - हमारी मातृ-भाषा, हमारी पहचान. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना योगदान दें! ये हमारे अस्तित्व की प्रतीक और हमारी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है! बुधवार, 13 मई 2009. अरे भाई क्यों गाली देते हो? गाँव में कोई मल्टीप्लेक्स क्यों नहीं खोलता? Posted by राम त्यागी. बुधवार, मई 13, 2009. 1 Comments (टिप्पणी). Links to this post. रविवार, 3 मई 2009. सभी ट&#...
meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com
मेरी आवाज : October 2008
http://meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com/2008_10_01_archive.html
मेरी आवाज. मन के अंतर्द्वंदों का प्रतिबिम्ब उतारने की कोशिश कर रहा हूँ . . . अन्जान तूफान में फँसी मेरी नाव निकालने का प्रयास कर रहा हूँ . . . हिंदी - हमारी मातृ-भाषा, हमारी पहचान. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना योगदान दें! ये हमारे अस्तित्व की प्रतीक और हमारी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है! शनिवार, 25 अक्तूबर 2008. प्रज्ञा सिंह - चम्बल का गौरव - क्यों कलंकित किया जा रहा है? भाजपा क्यों उनके बचाव में नही आ रही है? एक महाशय ने लिखा है की -. मेरा स्पष्ठीकरण -. भारत के किसी भ&...Links to this post.
meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com
मेरी आवाज : February 2013
http://meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com/2013_02_01_archive.html
मेरी आवाज. मन के अंतर्द्वंदों का प्रतिबिम्ब उतारने की कोशिश कर रहा हूँ . . . अन्जान तूफान में फँसी मेरी नाव निकालने का प्रयास कर रहा हूँ . . . हिंदी - हमारी मातृ-भाषा, हमारी पहचान. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना योगदान दें! ये हमारे अस्तित्व की प्रतीक और हमारी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है! बुधवार, 13 फ़रवरी 2013. तलाश एक खोये हुये सपने की…. 16-17 दिसम्बर २०१२. 8220;सब चलता है! 8221;, “ हम क्या कर सकते है! फिर एक भयावह शाम आई, २६ मई २०१२ की. 8220;It starts with how the investigation is done. ...
meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com
मेरी आवाज : July 2010
http://meriawaaj-ramtyagi.blogspot.com/2010_07_01_archive.html
मेरी आवाज. मन के अंतर्द्वंदों का प्रतिबिम्ब उतारने की कोशिश कर रहा हूँ . . . अन्जान तूफान में फँसी मेरी नाव निकालने का प्रयास कर रहा हूँ . . . हिंदी - हमारी मातृ-भाषा, हमारी पहचान. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना योगदान दें! ये हमारे अस्तित्व की प्रतीक और हमारी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है! शुक्रवार, 30 जुलाई 2010. विचारों की आँधी अगर शून्य हो जाए तो? मन की उद्वेलना शून्य हो जाए तो? या फिर शांति भी शून्य हो जायेगी ? Posted by राम त्यागी. शुक्रवार, जुलाई 30, 2010. Links to this post. संय...
kavitacollection.blogspot.com
कविता संग्रह: अमेरिकन बाबू बेचे जात हैं …एक कविता
http://kavitacollection.blogspot.com/2010/11/blog-post_10.html
कविता संग्रह. मैं यहाँ पर अपनी कविताओ का परिचय आपके साथ कराने की कोशिश कर रहा हूँ, आशा करता हूँ की आपको मेरी रचनायें पसंद आयेंगी. Wednesday, November 10, 2010. अमेरिकन बाबू बेचे जात हैं …एक कविता. भैया भारत लगता तो बड़ा संपन्न है. पर विदेशी लोग खाए जात हैं. और अमेरिकन बाबू अपनी चीजें बेचे जात है. जनता बेचारी कान पकडे ही जात है. और कांग्रेस पार्टी राज करे ही जात है. देश को घोटालों से लूटे ही जात है. अमेरिकन बाबू अपनी चीजें बेचे जात है. पर कुछ करे नहीं पात है. मेरी आवाज. राम त्यागी. Achcha vyang hai . प...
kavitacollection.blogspot.com
कविता संग्रह: June 2009
http://kavitacollection.blogspot.com/2009_06_01_archive.html
कविता संग्रह. मैं यहाँ पर अपनी कविताओ का परिचय आपके साथ कराने की कोशिश कर रहा हूँ, आशा करता हूँ की आपको मेरी रचनायें पसंद आयेंगी. Tuesday, June 9, 2009. असली गहना. उसका सिर. हिलाना. और मुस्कराना. फिर धीरे धीरे मेरे पास आना. शरारतें करना. मुंह में हर चीज को देना. मेरे पास जाने से उसका भागना. ठुमक ठुमक घुटने टेकना. गीतों पर. मस्ताना. उसका रोना और चिल्लाना. ठहक कर हँसना. हर चीज के लिए मचलना. मौका मिलते ही दूसरो के बाल खींचना. कुछ भी खा. पापा - दादा कहना. तमाम नखरे करना. राम त्यागी. Links to this post.