mohankaman.blogspot.com
मोहन का मन: September 2009
http://mohankaman.blogspot.com/2009_09_01_archive.html
मोहन का मन. Sunday, 27 September 2009. जिंदगी कुछ वक्त दे मुझे. मेरा अपना घर. जिससे हूं मैं दूर. बहुत दूर. गाहे बगाहे घर जाना. जल्दी से घर से लौट वापस आना. क्या यही है जिंदगी. क्या यही है जिंदगी का दस्तूर. घर पर है मेरी बीमार मां. बीमार पिता. और मैं. दूर घर से बहुत दूर. ना मां के दर्द को बांट पा रहा हूं. ना पिता की सेवा कर रहा हूं. आखिर क्यों. ऐसा जीवन जीने को मजबूर हूं. आखिर क्यों. क्या इसी को कहते हैं जीवन. क्या फायदा मेरे इस जीवन का. उनका सहारा ना बनूं. हो जाऊं. द्वारा. Links to this post.
ragdeepak.blogspot.com
राग-दीपक: ताऊ ने खोली हवाईजहाज के इंजिन बनाने की फेक्ट्री
http://ragdeepak.blogspot.com/2009/07/blog-post.html
यह राग अनवरत मेरे अंतर्मन में बजता ही रहता है! मैं इसे सुनता ही रहता हूँ! Monday, July 20, 2009. ताऊ ने खोली हवाईजहाज के इंजिन बनाने की फेक्ट्री. ताऊ को राज भाटिया जी. ने हवाईजहाज के इंजन बनाने की कंपनी खोलने की राय देदी. अब ताऊ. बेकार तो था ही.सो खोल दी एक कंपनी. नोट : यह वाला ताऊ .ताऊ रामपुरिया नही है.:). दीपक "तिवारी साहब". Labels: ताऊ रामपुरिया. राज भाटिया. July 20, 2009 at 4:16 AM. आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal). July 20, 2009 at 4:50 AM. July 20, 2009 at 8:43 PM. July 31, 2009 at 2:02 AM. भर...
makrand-bhagwat.blogspot.com
between the lines: August 2008
http://makrand-bhagwat.blogspot.com/2008_08_01_archive.html
Saturday, August 30, 2008. The leader on occasion of inagurating drama show , described the face expression can only be seen when the stage got dark back ground . From other side of stage the voice came. That is why we have called you sir. Friday, August 29, 2008. One day i gone to the hotel and i saw amazing info board. For mentally sound male. For mentally sound female. I just asked to the waiter,. Dear on bathroom what u have written. Thursday, August 28, 2008. नैनों टाटा. Wednesday, August 27, 2008.
makrand-bhagwat.blogspot.com
between the lines: August 2011
http://makrand-bhagwat.blogspot.com/2011_08_01_archive.html
Wednesday, August 3, 2011. हमारी सुरक्षा मजबूत हे. तभी तो जहाज साबुत हे. बिना रडार काम चलता हे. लोकतंत्र में भ्रष्टाचार सब तरफ मुमकिन हे. सब समुद्री नमक के शोकिन हे. आप में हो हिम्मत तो सड़क पर चल कर दिखाइए. पर समुन्दर में बे रोक टोक चले आइये. नाव में जो मज्जा. वो विदेशी बोट में कहाँ? खरीदी हे मगर. वो जोश हैं कहाँ? आइये नमन करें. वंदन करें. हमारी आजादी सुरक्षित हे. Labels: भ्रष्टाचार. विदेशी बोट. समुद्री नमक के शोकिन. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. ताऊ डाट इन. एक ग़ज़ल आ...
makrand-bhagwat.blogspot.com
between the lines: February 2010
http://makrand-bhagwat.blogspot.com/2010_02_01_archive.html
Friday, February 12, 2010. आदमी बनियान में. वो भी फटी. कुत्ता नेवी ब्लू स्वेटर में. कोहरे में लोकतंत्र. रसोई में सन्नाटा. पत्रिकाएँ नीला लिबास पहने. सरवे जारी हे. मनोरजन के नाम पर राजनीति जारी हे. वेलेंटाइन के कागा. बाँट रहे प्रेम का धागा. मोह्हबत में तिजारत जारी हे. शिक्षा का स्तर बढ गया हे. एड्स की सबको जानकारी हे. कुत्ता. लोकतंत्र. शिक्षा. Subscribe to: Posts (Atom). I am married but having still sense to write and the photograph is the face which keeps parallel line intact. View my complete profile.
mohankaman.blogspot.com
मोहन का मन: मैं शराबी हूँ मुझे प्यार है आखिर क्यूँ है
http://mohankaman.blogspot.com/2010/12/main-sharabi-homp4.html
मोहन का मन. Friday, 10 December 2010. मैं शराबी हूँ मुझे प्यार है आखिर क्यूँ है. कल रात ऑफिस में बैठा था तो youtube. पर गाने सुन रहा था गाना था अताउल्लाह खान का बोल हैं मैं शराबी हूँ मुझे प्यार है आखिर क्यूँ है. Main sharabi hoon, muhje pyaar hai, aakhir kiyun hai. मोहन वशिष्ठ. द्वारा. आपको कैसा लगा. Subscribe to: Post Comments (Atom). Widget by Blogger Widgets. मैं शराबी हूँ मुझे प्यार है आखिर क्यूँ है. मुबारकबाद. Read in your own script. मोहन वशिष्ठ. पलवल, हरियाणा, India. View my complete profile.
mishraarvind.blogspot.com
क्वचिदन्यतोSपि...: सीमा गुप्ता जी को स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाये दीजिये ( चिट्ठाका
http://mishraarvind.blogspot.com/2009/05/blog-post_28.html
क्वचिदन्यतोSपि. अर्थात मेरे साईंस ब्लागों से अन्य,अन्यत्र से भी . गुरुवार, 28 मई 2009. सीमा गुप्ता जी को स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाये दीजिये ( चिट्ठाकार चर्चा ). अभी उसी दिन तो जानकारी हुयी कि सीमा जी. के दुश्मनों की तबीयत नासाज हो गयी थी मगर एक शल्य चिकित्सा के बाद वे स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं! उनको शुभकामना देने वालों की लम्बी कतार है! मगर मन अभी भी क्लांत है! अन्यथा तो सच कहूं कि उनके ब्लॉग कुछ लम्हे. लिहाजा मैं उनके ब्लॉग पर अब बार बार और श...मुझे आश्चर्य भी हुआ क...मैंने उन्...और आज भी मí...
makrand-bhagwat.blogspot.com
between the lines: April 2010
http://makrand-bhagwat.blogspot.com/2010_04_01_archive.html
Tuesday, April 13, 2010. गाँव में शिक्षा के नाम पर. तमाशा जारी हे. शहरों में एजुकेसन के नाम पर. गोरख धन्दा. भारी हे. दीवारों पर लीखनेसे. कुछ नहीं होगा. कुत्ता टांग उठा के धो देगा. या फिर पढ़े लिखे. लोकतंत्र में. शिक्षा अब अधिकार हे. पर उजाला. फिर चंद लोगों में बटेंगा. इस देश में फिर एक भूखा जोकर बनेगा. Labels: उजाला. कुत्ता. दीवारों. लोकतंत्र. शिक्षा. Thursday, April 8, 2010. बिल बनाम पर्ची. सामान खरीद कर ,. जब हमने बिल माँगा. दुकानदार ने आँख तरेरी. जो पर्ची पर लिखा हे. वही सही हें. अनुराग शर&...एक गì...
ragdeepak.blogspot.com
राग-दीपक: August 2008
http://ragdeepak.blogspot.com/2008_08_01_archive.html
यह राग अनवरत मेरे अंतर्मन में बजता ही रहता है! मैं इसे सुनता ही रहता हूँ! Monday, August 25, 2008. शहर से आए हो क्या? इसी साल जयपुर जाने का काम पडा! रास्ते में एक जगह. उपरोक्त बोर्ड लगा देख कर उत्सुकता वश रुक कर देखा की. यह भयंकर ठंडी बीयर. क्या होती है? और ऐसी गरमी में. तिवारी जी को अगर ठंडी बीयर मिल जाए तो क्या कहने? अत: वहीं ढाबे पर हमने गाडी लगा कर पता किया! बहुत ज्यादा थी सो भयंकर ठंडी बीयर का सोच सोच कर ही. आत्मा तृप्त होती जा रही थी! नाम से बुला रहे थे! भयंकरतम ठंडी बीयर. ला दो! और मजे ल...
SOCIAL ENGAGEMENT