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हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka: September 2009
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मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. हिन्दी दिवस कैसे मनायें? सोमवार, 14 सितंबर 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 18 टिप्पणियाँ. आज १४ सितम्बर है, १४. हिन्दी. के ब्लॉग पर लिखी इन पंक्तियों पर गौर फ़रमाएँ. हिन्दी. हिन्दी. शुभकामनाऐं. लोगों. जोड़ें. पुरानों. प्रोत्साहित. हिन्दी. चिट्ठाजगत. हिन्दी. चिट्ठा. व्यक्ति. करवायें. हिन्दी. चिट्ठों. संख्या. विविधता. यारों. हिंद&#...दूर...
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हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka: June 2009
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मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. दिल-ए-नादाँ की उदासी. सोमवार, 29 जून 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 11 टिप्पणियाँ. भी छप चुका है . दिल-ए-नादाँ जब कभी भी उदास होता है,. एक अजनबी सा शख्स मेरे पास होता है. ज़िंदगी की इन तेज़ रफ़्तार घड़ियों में,. वो लम्हा वो पल कुछ ख़ास होता है. सुबह का सूरज दिन भर तपकर,. शाम तक बूढा हो जाता है. दिल-ए-नादाँ . चिंता छो...पंथ लग...
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हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka: August 2009
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मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. हमसफ़र यादों का : पढिये एक नए रंग-रूप में. शनिवार, 29 अगस्त 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 4 टिप्पणियाँ. २४ अप्रैल, २००९ : ब्लॉग का शुभारम्भ. २४ मई, २००९ : ब्लॉग को मिली १ पेजरेंक. २४ जून, २००९ : ब्लॉग की पेजरेंक बढ़कर हुई २. २४ जुलाई, २००९ : ब्लॉग की पेजरेंक २ पर कायम. ग़ज़ल इस तरह रूठ बैठी है मुझसे,. क्यों. रक्षा करेगì...माली...
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अपनी बात | हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka
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मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. अपनी बात. शनिवार, 25 अप्रैल 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 7 टिप्पणियाँ. यादों. के नाम से ब्लॉग लिखता हूँ।. शेष फ़िर! श्रेणी: अपनी बात. 7 टिप्पणियाँ. अनिल कान्त :. ने कहा…. आपका और आपके इस ब्लॉग का स्वागत है . मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति. 28/04/2009, 10:24:00 am. परमजीत बाली. ने कहा…. आप का स्वागत है।. 28/04/2009, 2:50:00 pm. एक आग जो. ट...
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संवेदना: October 2008
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संवेदना. उठो, जागो और रुको नहीं जब तक मंजिल न मिल जाए - स्वामी विवेकानन्द. शुक्रवार, 31 अक्तूबर 2008. बाज आओ राज. 31 अक्टूबर 2008. प्रस्तुतकर्ता. अनिल कुमार वर्मा. 3 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. गुरुवार, 30 अक्तूबर 2008. आंसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं. 31 अक्टूबर 2008. सांस लेना भी दुश्वार हो जिस जगह. हम जिएं उस जगह पर तो कैसे जिएं. आंसुओं की भी कीमत हो ज्यादा जहां. पिएं भी आंसुओं को तो कैसे पिएं. एक लम्हा ही मसर्रत का बहुत होता है. प्रस्तुतकर्ता. अनिल कुमार वर्मा. एक लम्हा. जिस्म ही...बात...
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चर्चामंच: "उम्र के विभाजन और तुम्हारी कुंठित सोच" {चर्चा - 1983}
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Friday, May 22, 2015. उम्र के विभाजन और तुम्हारी कुंठित सोच" {चर्चा - 1983}. मित्रों।. शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।. देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।. डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'). यूँ ही. अपनी मंजिल और आपकी तलाश. उम्र के विभाजन. और तुम्हारी कुंठित सोच. ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र. पैसा दे या प्रेम दे. पैसा दे या प्रेम दे, जितना जिसके पास।. इक तोड़े विशवास को, इक जोड़े विश्वास।।. रिश्ते हों या दूध फिर, तब होते बेकार।. गर्माहट तो चाहिए, समय समय पर यार. पर श्यामल सुमन. सलाम-ए-इश्क फरमाइए. उलूक ट...
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संवेदना: सोनिया गांधी यानि देश का चेहरा...
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संवेदना. उठो, जागो और रुको नहीं जब तक मंजिल न मिल जाए - स्वामी विवेकानन्द. शुक्रवार, 21 मई 2010. सोनिया गांधी यानि देश का चेहरा. प्रस्तुतकर्ता. अनिल कुमार वर्मा. 3 टिप्पणियां:. अनुनाद सिंह. ने कहा…. 21 मई 2010 को 8:12 pm. हरकीरत ' हीर'. ने कहा…. 11 जून 2010 को 4:11 am. ने कहा…. Send me ur no.samjhe bachha. 27 जुलाई 2010 को 9:21 am. एक टिप्पणी भेजें. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). मैं समय हूं. दिन.महीने.साल. Get MORE skins on fancygens.com. हरकीरत जी. कितने आए. इक अमी...
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गहराते संबंधों के बीच, फासला तय करता एक राही! | यायावरी
https://yaayaawar.wordpress.com/2009/05/04/gahraatae-sambandhon-kae-bich-faasala-tay-karta-aek-raahi
म त फक कड और घ मक कड , ह इतन स ज ञ न म झ! व र त ह अपन द ख पर, ह स चय क ज ञ न ज स! म र पर चय. स पर क कर. गहर त स ब ध क ब च, फ सल तय करत एक र ह! फ सल तय करत एक र ह. पड़ व भ अज ब-स ,. द खत ह म झ , टकटक लग ए. स चत ह म! द खत ह जब भ उनक. प छ ब ठत ह अपन आपस. य फ र, र श त क बन दर-ब ट म बच ,. और अ तरद व द क पर ण म,. म झस उगलव ल त ,. और क तरह अपन गठर म भ. बन दर-ब ट म बच ,. म र ह स स क ह न क एहस स कर त. चलत -चलत म र प व थक-स ज त. फ सल तय करत एक र ह. Share on Facebook (Opens in new window). From your own site. Leave ...
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आज़माइए बर्थडे विश करने का ब्रैंड न्यू, धाँसू मगर जानलेवा तरीका | हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka
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मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. आज़माइए बर्थडे विश करने का ब्रैंड न्यू, धाँसू मगर जानलेवा तरीका. गुरुवार, 10 दिसंबर 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 13 टिप्पणियाँ. हमारे एक सर हैं, विक्रम सर. उगता हुआ सूरज रोशनी दे तुम्हें,. महकता हुआ चमन खुशबू दे तुम्हें,. हम तो कुछ देने के लायक नहीं,. आपको शायद ठीक से समझ न सका था मैं,. जो कुछ भी करें इसक...वैसे और कि...क्य...
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संवेदना: June 2009
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संवेदना. उठो, जागो और रुको नहीं जब तक मंजिल न मिल जाए - स्वामी विवेकानन्द. सोमवार, 29 जून 2009. तेरा आंचल जो ढल गया होता. 29 जून 2009. तेरा आंचल जो ढल गया होता. रुख हवा का बदल गया होता. देख लेता जो एक झलक तेरी. चांद का दम निकल गया होता. झील पर खुद ही आ गए वरना. तुमको लेने कमल गया होता. पी जो लेता शराब आंखों से. गिरते गिरते संभल गया होता. क्यों मांगते वो आईना मुझसे. मैं जो लेकर गज़ल गया होता. तेरा आंचल जो . प्रस्तुतकर्ता. अनिल कुमार वर्मा. 7 टिप्पणियां:. बुधवार, 17 जून 2009. 17 जून 09. दिनेश ...ब्ल...