ek-shehr-hai.blogspot.com
एक शहर है: January 2014
http://ek-shehr-hai.blogspot.com/2014_01_01_archive.html
एक शहर है. Wednesday, January 29, 2014. नूरी का कूण्डा. साथ वाली शकीला बाजी ने आकर पूछा "अरी नूरी तू ये क्या कर रही है? उसने कहा, "बाजी सभी कुछ है।". आटे के कूण्डा है? हां है।". कितने कपड़ो मे देगा? सात जोडी से कम नही दूगां।". अरे ओ भईया पाचं जोडी मे देना. हो तो बता।". अरे बाजी आप भी चलिये अच्छा. दिखाईये।". इधर आजा भईया गली मे". अरे कैसा है बहन जी ये तो घिसा हुआ है।". ये सोचकर वो बाहर की तरफ में भागी उन्होनें कई गलियì...मस्जिद की तरफ, असलम की तरफ, सुखी सब्ज&#...Labels: माहौल. Labels: कहानी. अचा...
ek-shehr-hai.blogspot.com
एक शहर है: July 2014
http://ek-shehr-hai.blogspot.com/2014_07_01_archive.html
एक शहर है. Monday, July 28, 2014. बैठने की कोई रोक नहीं. ये देखते हुए घुमते कि कौन सी. ऐसी जगह है जहाँ कुछ पलों का. आराम किया जाये मगर एक रोज का. नहीं हर रोज आया जाये. पर कोई रौनकदार सभा बैठी हैं. पर शौर है. पर लोग बुलायेगे और कहाँ पर. बैठने में मज़ा आयेगा. यहाँ सारी जगहें एक ही आकार. और रूप लिए ही थो थी। कभी. तो आँखें कहीं रूक भी जाती. लेकिन ये जबरदस्ती खुद को कहीं. जमाने का समान होता। मन तो. जैसे कुछ और ही तलाश रहा होता. माहौल से दूसरे माहौल से लोग. अगर अपने पाँच. पाँच मिनट भी. कोई रोक. वो अपन...
ek-shehr-hai.blogspot.com
एक शहर है: September 2014
http://ek-shehr-hai.blogspot.com/2014_09_01_archive.html
एक शहर है. Wednesday, September 3, 2014. आवाज़ों का चक्रव्यू. अबे रुक जा. ऐसा क्या हो गया. 8221; फिर से अपने जोरों पर कूदा। “धड़. 8220; अबे जा – जा बहुत देखे तेरे जैसे।“. 8220; मार डाल. Labels: सुनना. Subscribe to: Posts (Atom). आवाज़ों का चक्रव्यू. बहुरूपिया शहर. नए संदर्भ से जुड़े ब्लॉग. जानकीपुल: हर शहर इसी तरह बहुरुपियों का शहर हुआ करता है. मातृभाषाओं में शिक्षा को लेकर गहरी उदासीनता है. नींबू पानी पैसा : शंकर हल्दर. तनहाई मेरी मित्र हैं. दक्षिणपुरी डायरी. कौन है।. कस्बा qasba. हुंकार. I Am Kalam - film.
ek-shehr-hai.blogspot.com
एक शहर है: October 2013
http://ek-shehr-hai.blogspot.com/2013_10_01_archive.html
एक शहर है. Saturday, October 19, 2013. Friday, October 18, 2013. थकान प्रभावों में नहीं आभाषों में है। जो ज़िन्दगी को बैचेनियां और रहस्यम बनाता है॥. जहां एकांत मिथक बैचेनियों की दुनिया है। हर दम एक नई आवाज़ में ध्वनित जो सीधा रास्ता नहीं अपनाना चाहती।". सवाल के आजूबाजू. सोच और आंकने की समाजिक पद्धति के साथ में रहना और उसके भीतर अनुसाधनों को सोचना क्या है? Labels: किताब. Wednesday, October 9, 2013. मैं" अनेकता या विशालता का रूप है. Friday, October 4, 2013. कोई ऐसी छवि जिसका व...ऐसी पोशाक...ऊर्जì...
ek-shehr-hai.blogspot.com
एक शहर है: May 2014
http://ek-shehr-hai.blogspot.com/2014_05_01_archive.html
एक शहर है. Wednesday, May 21, 2014. बेकारी. न्यौता. धोखा है. चुभन भी है।. ना पसंद के बाहर से खुद को रखने. को पैदा करता. है। जो सामने दिख. है वो. से आगे ले जाने को. ज़ोर देता. बेकारी कई. पर्दों मे घिरा हुआ. रास्ता. है जो थकान से उड़ान की और ले जाता है।. Labels: उड़ान. Monday, May 12, 2014. पर्दा और फिल्म के टुकड़े पार्ट 4. कब तक दरारियों से फ़िल्मों. के मज़े लुटे. कब तक गूंगी फ़िल्मों की. कहानियों का अनुमान लगाये और. आखिर कब तक किसी के आ जाने के. का उन्हे इंतजार था वे. फ़िल्म थी. गाना था. भर के लि...
awaraviews.wordpress.com
2010 April 26 « Awaraviews
https://awaraviews.wordpress.com/2010/04/26
Lights and Shadows behind the Films. क फ द न स एक सव ल क स थ ज झ रह ह. मगर म र ल ए सव ल आग क थ , क य इस फ ल म क म ध र क ज द रहन क स थ नह छ ड ज सकत थ? म झ अपन द स त र क श क ल ख ल ख क क छ ल इन य द आन लग. 8220;द न य उसक ल य व स ह थ ज स सब क ल य व भ भ ख प य स ज नत थ ”. 8220;च र तरफ आत -ज त ल ग क भ ड कह स कह चल ज रह ह त और व वह पर ठहर ह आ ज स क स क चर त र क अद क र क प श कर रह ह त ”. 8220;कभ भ व तम श द ख न व ल बन ज त कभ तम श व ल क जम र बन ज त ”. मगर म र सव ल अभ भ अ ज म फ ल म क उस स न पर व पस आत ह. सहर क अज़ न.
awaraviews.wordpress.com
2010 January « Awaraviews
https://awaraviews.wordpress.com/2010/01
Lights and Shadows behind the Films. ब र ग गस टर. व श य प गल त न शब द और ब ल अलग ह त ह. ब र स द ध त क त र पर बत य ज सक त अलग जव ब आएग. शख स यत क कद इतन छ ट ह ज य ग क ह म जव ब बनन स भ व क ह. सब अपन ब र क कल पन स नह ब ल. वरन स र फ ह नह आत सब सपन स थ घट स न द ख छव य स जव ब द त. म प गल क छ ड़कर. ग गस टर और व श य क ब त क ज य द स र यस ल त. उनक छव म अ दर न द वन द बह त ह त ह. म झ क य उस शख स स र. 8211; र कर य गय यह कहकर क यह शख स ब र ह. ज स शख स क म झ स र फ एक ह तस व र य द ह. 8220; एक हट ट. 8220; क य. 8220; हर क ई.
awaraviews.wordpress.com
2009 December « Awaraviews
https://awaraviews.wordpress.com/2009/12
Lights and Shadows behind the Films. म र स मन चल रह द श य म म क स च ज स बहस म ह यह समझ ह नह आ रह थ इसम य द क क ई जगह नह थ. क छ च ज ऐस ह ज हम र. Mind क श क करत ह. मगर उसक ब द क य ह आ उसक ब ध नह ह प त इन द श य क द खन क ब द क छ च ज न स ध ह द म ग म क छ सव ल बन न श र क ए. क छ च ज क समझन क ल ए हम य त त लन त मक ह त ह य वर ग क त. हम सभ क ल ए च ज क द खत ह त यह द म ग म ह त ह क हम उसक वस त र क स थ उसक द ख रह ह. न ग शर र उस द खन क स र भ व क बदल द त ह श यद क स च ज क उसक ब न वस त र म द ख प न क क षमत हम र. इन द न च ज क...
awaraviews.wordpress.com
surajrai « Awaraviews
https://awaraviews.wordpress.com/author/surajrai
Lights and Shadows behind the Films. क फ द न स एक सव ल क स थ ज झ रह ह. मगर म र ल ए सव ल आग क थ , क य इस फ ल म क म ध र क ज द रहन क स थ नह छ ड ज सकत थ? म झ अपन द स त र क श क ल ख ल ख क क छ ल इन य द आन लग. 8220;द न य उसक ल य व स ह थ ज स सब क ल य व भ भ ख प य स ज नत थ ”. 8220;च र तरफ आत -ज त ल ग क भ ड कह स कह चल ज रह ह त और व वह पर ठहर ह आ ज स क स क चर त र क अद क र क प श कर रह ह त ”. 8220;कभ भ व तम श द ख न व ल बन ज त कभ तम श व ल क जम र बन ज त ”. मगर म र सव ल अभ भ अ ज म फ ल म क उस स न पर व पस आत ह. ब र ग गस टर.