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ਫੁਲਕਾਰੀ: आकाशदीप / ਆਕਾਸ਼ਦੀਪ
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ਫੁਲਕਾਰੀ. पूर्णिमा वर्मन की कविताओं का पंजाबी रूपांतर, रूपांतरकार हैं डॉ. प्रीत अरोड़ा. सोमवार, 18 अप्रैल 2011. आकाशदीप / ਆਕਾਸ਼ਦੀਪ. कहीं सफ़र में खो मत जाना. तुम मेरे आकाशदीप हो. जिसको समझा मैंने अपना. जिसमें पाला है इक सपना. जिसनें हर दिन समय संजोया. जिसमें पाया सब कुछ खोया. जिसमें अपनी चमक सँवारी. तुम मेरे मोती के सीप हो. कहीं सफ़र में खो मत जाना. तुम मेरे आकाशदीप हो. कितने सागर पार किये हैं. लहरों पर हम साथ जिये हैं. घनी धूप से तपते नभ में. ऊबड़-खाबड़ से इस पथ में. इसे ईमेल करें. लेबल: गीत. बहुत ह...
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ਫੁਲਕਾਰੀ: May 2011
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ਫੁਲਕਾਰੀ. पूर्णिमा वर्मन की कविताओं का पंजाबी रूपांतर, रूपांतरकार हैं डॉ. प्रीत अरोड़ा. मंगलवार, 17 मई 2011. तुम साथ साथ हो ना/ ਤੁਸੀਂ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਹੋ ਨਾ. कभी मिलना कभी खोना. कभी साथ साथ चलना. ये है जिंदगी का मेला. तुम साथ-साथ हो ना. कहीं भीड़ है घनेरी,. कहीं राह है अँधेरी. कहीं रौशनी की खुशियाँ,. कहीं मछलियाँ सुनहरी. कभी सीढ़ियों पे चढ़ना. कभी ढाल पर फिसलना. ये है जिंदगी का मेला. तुम साथ-साथ हो ना. कभी चर्खियों के चक्कर. कही शोर यातना सा. कुछ फिकरे और धक्के. तुम साथ-साथ हो ना. 2 टिप्पणि...Twitter पर स...
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ਫੁਲਕਾਰੀ: April 2011
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ਫੁਲਕਾਰੀ. पूर्णिमा वर्मन की कविताओं का पंजाबी रूपांतर, रूपांतरकार हैं डॉ. प्रीत अरोड़ा. सोमवार, 18 अप्रैल 2011. आकाशदीप / ਆਕਾਸ਼ਦੀਪ. कहीं सफ़र में खो मत जाना. तुम मेरे आकाशदीप हो. जिसको समझा मैंने अपना. जिसमें पाला है इक सपना. जिसनें हर दिन समय संजोया. जिसमें पाया सब कुछ खोया. जिसमें अपनी चमक सँवारी. तुम मेरे मोती के सीप हो. कहीं सफ़र में खो मत जाना. तुम मेरे आकाशदीप हो. कितने सागर पार किये हैं. लहरों पर हम साथ जिये हैं. घनी धूप से तपते नभ में. ऊबड़-खाबड़ से इस पथ में. 1 टिप्पणी:. लेबल: गीत. मूल रचन&#...
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ਫੁਲਕਾਰੀ: स्मृतियाँ / ਯਾਦਾਂ
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ਫੁਲਕਾਰੀ. पूर्णिमा वर्मन की कविताओं का पंजाबी रूपांतर, रूपांतरकार हैं डॉ. प्रीत अरोड़ा. रविवार, 15 मई 2011. स्मृतियाँ / ਯਾਦਾਂ. अब भी भर आती आँखें. यदा कदा. प्रेरणा के पंख. बन जाते सहारा. अब भी यादों की बाहें. सँभाल लेती लड़खड़ाते ही. बात होती नहीं. कोरे कागज़ पर उभर आते. हीरक शब्द. अब भी सन्नाटे में गूँजते साम. दिखा देता दिशा. विश्वास का ध्रुवतारा. अँधेरा अब भी बदलता सुबह में. समय बीतता है. खत्म होता नहीं इंतज़ार. अब भी बाकी है दोस्त पर भरोसा. ਜਦੋਂ ਕਦੇ. ਪ੍ਰੇਰਨਾ ਦੇ ਖੰਭ. ਹੀਰੇ ਜਿਹੇ ਸ਼ਬਦ. नई पोस्ट. अब भी...
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ਫੁਲਕਾਰੀ: तुम साथ साथ हो ना/ ਤੁਸੀਂ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਹੋ ਨਾ
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ਫੁਲਕਾਰੀ. पूर्णिमा वर्मन की कविताओं का पंजाबी रूपांतर, रूपांतरकार हैं डॉ. प्रीत अरोड़ा. मंगलवार, 17 मई 2011. तुम साथ साथ हो ना/ ਤੁਸੀਂ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਹੋ ਨਾ. कभी मिलना कभी खोना. कभी साथ साथ चलना. ये है जिंदगी का मेला. तुम साथ-साथ हो ना. कहीं भीड़ है घनेरी,. कहीं राह है अँधेरी. कहीं रौशनी की खुशियाँ,. कहीं मछलियाँ सुनहरी. कभी सीढ़ियों पे चढ़ना. कभी ढाल पर फिसलना. ये है जिंदगी का मेला. तुम साथ-साथ हो ना. कभी चर्खियों के चक्कर. कही शोर यातना सा. कुछ फिकरे और धक्के. तुम साथ-साथ हो ना. Twitter पर साझा कर...Facebook ...
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ਫੁਲਕਾਰੀ: माया विच मन / ਮਾਇਆ ਵਿਚ ਮਨ
http://deep-dehari.blogspot.com/2011/04/blog-post_2010.html
ਫੁਲਕਾਰੀ. पूर्णिमा वर्मन की कविताओं का पंजाबी रूपांतर, रूपांतरकार हैं डॉ. प्रीत अरोड़ा. सोमवार, 18 अप्रैल 2011. माया विच मन / ਮਾਇਆ ਵਿਚ ਮਨ. दिन भर गठरी. कौन रखाए. माया में मन कौन रमाए. दुनिया ये आनी जानी है. ज्ञानी कहते हैं फ़ानी है. चलाचली का-. खेला है तो. जग में डेरा कौन बनाए. माया में मन कौन रमाए. कुछ न जोड़े संत फ़कीरा. बेघर फिरती रानी मीरा. जिस समरिधि में-. इतनी पीड़ा. उसका बोझा कौन उठाए. माया में मन कौन रमाए. मूल रचना- पूर्णिमा वर्मन. ਦਿਨ ਭਰ ਗਠੜੀ. ਕੋਣ ਰਖਾਏ. ਮਾਇਆ ਵਿਚ ਮਨ ਕੋਣ ਰਮਾਏ. नई पोस्ट. दिन क...
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ਫੁਲਕਾਰੀ: जग का मेला / ਜਗ ਦਾ ਮੇਲਾ
http://deep-dehari.blogspot.com/2011/04/blog-post_6963.html
ਫੁਲਕਾਰੀ. पूर्णिमा वर्मन की कविताओं का पंजाबी रूपांतर, रूपांतरकार हैं डॉ. प्रीत अरोड़ा. सोमवार, 18 अप्रैल 2011. जग का मेला / ਜਗ ਦਾ ਮੇਲਾ. जग का मेला. बड़ा झमेला. मैं दुनिया में. चला अकेला. जो दुनिया में. चला अकेला. उसके पीछे. लगता मेला. जिसके पीछे. लगता मेला. वह दुनिया में. कहाँ अकेला. मूल रचना- पूर्णिमा वर्मन. ਜਗ ਦਾ ਮੇਲਾ. ਬੜਾ ਛਮੇਲਾ. ਮੈਂ ਦੁਨਿਯਾ ਵਿਚ. ਚਲਿਯਾ ਇੱਕਲਾ. ਜੋ ਦੁਨਿਯਾ ਵਿਚ. ਚਲਿਯਾ ਇੱਕਲਾ. ਉਸਦੇ ਪਿਛੇ. ਲਗਦਾ ਮੇਲਾ. ਜਿਸਦੇ ਪਿਛੇ. ਲਗਦਾ ਮੇਲਾ. ਓਹ ਦੁਨਿਯਾ ਵਿਚ. ਕਿਥੇ ਇੱਕਲਾ. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. नई पोस्ट. कभी...
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ਫੁਲਕਾਰੀ: आवारा दिन / ਆਵਾਰਾ ਦਿਨ
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ਫੁਲਕਾਰੀ. पूर्णिमा वर्मन की कविताओं का पंजाबी रूपांतर, रूपांतरकार हैं डॉ. प्रीत अरोड़ा. रविवार, 17 अप्रैल 2011. आवारा दिन / ਆਵਾਰਾ ਦਿਨ. दिन कितने आवारा थे. गली गली और बस्ती बस्ती. इकतारा थे. माटी की. खुशबू में पलते. एक खुशी से. हर दुख छलते. बाड़ी, चौक, गली, अमराई. हर पत्थर गुरुद्वारा थे. भिनसारा थे. बड़े ख़्वाब देखे थे. ताजमहल रेखे थे. माँ की गोद,. पिता का साया. घर घाटी चौबारा थे. हम घर का. उजियारा थे. मूल रचना : पूर्णिमा वर्मन. ਦਿਨ ਕਿਨੇ ਆਵਾਰਾ ਸੀ. ਗਲੀ -ਗਲੀ ਅਤੇ. ਬਸਤੀ -ਬਸਤੀ. ਇਕਤਾਰਾ ਸੀ. ਹਰ ਦੁਖ ਛਲਦੇ. अब भì...
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