jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: फ़लस्तीन-इजराइल संघर्ष – इतिहास की क़ैद में फंसा भविष्य
http://jantakapaksh.blogspot.com/2014/09/blog-post.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. मंगलवार, 9 सितंबर 2014. फ़लस्तीन-इजराइल संघर्ष – इतिहास की क़ैद में फंसा भविष्य. मेरा यह लेख आग़ाज़ के ताज़ा अंक में प्रकाशित है. दखल विचार मंच की मासिक पत्रिका. प्रथम विश्व युद्धोत्तर काल. पहला अरब-इजराइल युद्ध. डेरा यासीन हत्याकांड की स्मृति में इजिप्ट द्वारा ज़ारी डाक टिकट. दूसरा अरब-इजराइल युद्ध. पी एल ओ का उदय. पहला इंतिफादा. समझौतों की ओर : ओस्लो और आगे. रेबिन, क्लिंटन और अराफात. फिर तनाव. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. मेर&#...
jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: एक कहानी राजा-रानी की
http://jantakapaksh.blogspot.com/2010/11/blog-post_17.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. बुधवार, 17 नवंबर 2010. एक कहानी राजा-रानी की. भाई मनोज पटेल का यह अनुवाद आज सृजनगाथा. से साभार. पैसा सबकुछ कर सकता है. लेकिन यह लिखाना क्या तुम्हें ही सूझा था कि : पैसा सबकुछ कर सकता है? शहजादे ने महसूस किया कि शायद वह हद पार कर गया था. शहजादे को लग गया कि वह कायदे से फंस चुका था. मुझे माफ़ कीजिए हुजूर. मैं फ़ौरन उन लफ़्ज़ों को म&...तो क्या हुआ? तुम होश में तो हो! सुनार चिल्लाया. मैनें कहा न कल! बूढ़ी औरत ने शहजì...राजा न...अगले...
jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: इस मुरदा-घर में उम्मीद की किरणें कहाँ से आएँगी?
http://jantakapaksh.blogspot.com/2013/09/blog-post.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. रविवार, 1 सितंबर 2013. इस मुरदा-घर में उम्मीद की किरणें कहाँ से आएँगी? चित्र यहाँ. से साभार. 8216; इस से रिफ्रेश होकर लड़के फिर पूरे जोश से काम करते हैं. हाँ एक और चीज़ थी उनके पास काम के बाद रिलेक्स होने के लिए – ड्रग्स और शराब! 8216; साली बहुत सुन्दर लगाती थी. बाल गंगाधर तिलक. 1961 के अंक के पेज़. 5 पर कहते हैं. आज इस प्रयोग को व्याभिचार कहा जायेगा. इसी के साथ उस दौर की औपनिवेशिक आर्थ&...उत्तर प्रदेश. मध्यप्रदेश. मुक्ति ...इस अमानव&...
jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: संघ की देशभक्ति : कुछ ऐतिहासिक तथ्य
http://jantakapaksh.blogspot.com/2012/08/blog-post_15.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. बुधवार, 15 अगस्त 2012. संघ की देशभक्ति : कुछ ऐतिहासिक तथ्य. वैसे यह भी की यह 'जनपक्ष' की तीन सौवीं पोस्ट है.आप सबके बिना यह सफ़र मुमकिन न था. इस सफ़र पर अगली पोस्ट में कुछ और. गोलवलकर ने राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन से दूर रहने को सही ठहराया. वह सभी समुदायों और वर्गों के एक संयुक्त मुक्ति संघर्ष को. 8216; और कुछ नहीं अपितु विराष्ट्रीकरण. 8217; कहने की हद तक जाते हैं। मिले. 8216; राष्ट्रीय. वास्तविक. 8216; देशभक्त. 8217; हैं. 9 मार्च. स्तर&...
hamkalam1.blogspot.com
हमकलम : वह जो मैं नहीं लिख पाया: फिराक साहब
http://hamkalam1.blogspot.com/2010/12/blog-post.html
हमकलम : वह जो मैं नहीं लिख पाया. यह ब्लाग बस उन कविताओं के लिये जिन्हें पढकर यह लगा कि काश इन्हें मैने लिखा होता. फिराक साहब. प्रस्तुतकर्ता Ashok Kumar Pandey. लेबल: फिराक गोरखपुरी. Posted On 22/12/10 at. छ्लक के कम न हो ऐसी कोई शराब नहीं. निगाहे-नरगिसे-राना, तेरा जवाब नहीं. ज़मीन जाग रही है कि इन्क़लाब है कल. वो रात है कि कोई ज़र्रा भी महवे-ख़्वाब नहीं. ज़मीन उसकी, फ़लक उसका, कायनात उसकी. कुछ ऐसा इश्क़ तेरा ख़ानमा ख़राब नहीं. 9 टिप्पणियाँ. Posted on: 22 दिसंबर 2010 को 8:32 am. Rajendra Swarnkar : रì...
jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: A tribute to Bhisham Sahni
http://jantakapaksh.blogspot.com/2015/08/a-tribute-to-bhisham-sahni.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. रविवार, 9 अगस्त 2015. A tribute to Bhisham Sahni. साभार : द हिन्दू. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: Bhisham Sahani. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. स्वागत है समर्थन का और आलोचनाओं का भी…. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). सवाल दुनिया को बदलने का है…. जो घर फूंके आपना…. मनोज पटेल. विजय गौड़. 6 माह पहलí...
jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्धांत - १
http://jantakapaksh.blogspot.com/2012/03/blog-post_09.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. शुक्रवार, 9 मार्च 2012. मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्धांत - १. पिछले दिनों मैंने मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्धांतों पर एक ले खमाला लिखने का प्रस्ताव. प्रस्तावना. मार्क्सवाद बीसवीं सदी में दुनिया के. क्या यह सही नहीं कि हमने उन्हें दुष्प्रचार के लिए पर्याप्त मौके उपलब्ध कराये? हमें भूलना नहीं चाहिए कि मार्क्स ने अपने जीते जी अपने कुछ अन...साथ ही, इस रौशनी में मार्क्सवाद के आलोच...मेरी नज़र में कम्यूनि...एमिल बर्न्स. इतनी बातोæ...9 मार...
jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: वंदना और भर्त्सना से इतर आंबेडकर की तलाश
http://jantakapaksh.blogspot.com/2015/04/blog-post.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. शनिवार, 18 अप्रैल 2015. वंदना और भर्त्सना से इतर आंबेडकर की तलाश. संजय जोठे. संजय जोठे. युवा विचारक और कवि हैं. ज्योतिबा फुले पर उनकी एक किताब हाल ही में दख़ल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अम्बेडकर. संजय जोठे. 2 टिप्पणियां:. 18 अप्रैल 2015 को 12:42 pm. सार्थक चिंतन प्रस्तुति. उत्तर दें. उत्तर दें. नई पोस्ट. एक सच्च...
jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: हिंदी सिनेमा और दलित चेतना
http://jantakapaksh.blogspot.com/2013/05/blog-post_5.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. रविवार, 5 मई 2013. हिंदी सिनेमा और दलित चेतना. जितेन्द्र विसारिया. कला और विज्ञान का अद्भुत संगम और बीसवीं सदी के कुछ विशिष्ट अविष्कारों में से एक. 8216; सिनेमा. 8217; ने अपने शैशवकाल से ही व्यक्ति और समाज को अपने सम्मोहन में बाँध रखा है और बाँधे हुए है। कहते हैं. 8216; रेलगाड़ी. 8217; का लाना भी था. 8216; भगवान. 8217; के दर्शन का लाभ देता था. 8216; हरिश्चन्द्र तरामती. 8217;(1913), ‘ मोहिनी भस्मासुर. 8217;(1913), ‘ लंका दहन. नृत्...
jantakapaksh.blogspot.com
जनपक्ष: कृषिप्रधान देश या किसानों की कब्रगाह?
http://jantakapaksh.blogspot.com/2015/03/blog-post_16.html
जनपक्षधर चेतना का सामूहिक मंच. अभी हाल में. विजेट आपके ब्लॉग पर. सोमवार, 16 मार्च 2015. कृषिप्रधान देश या किसानों की कब्रगाह? कृष्णकांत. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अर्थशाष्त्र. कृष्णकांत. 2 टिप्पणियां:. 16 मार्च 2015 को 10:42 pm. उत्तर दें. 18 मार्च 2015 को 1:01 pm. उत्तर दें. टिप्पणी जोड़ें. अधिक लोड करें. स्वागत है समर्थन का और आलोचनाओं का भी…. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. मनोज पटेल. पूर्व&...चटख ललछ&#...
SOCIAL ENGAGEMENT