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संभावनाओं का शहर: October 2012
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. बुधवार, 24 अक्तूबर 2012. सच और भ्रम. मैं हँसता हूँ. लेकिन कोई खास वजह नहीं है. मैं रोता हूँ. लेकिन मुझे कोई दर्द नहीं है. हँसने - रोने का. सुख-दुःख से. अब कोई सरोकार नहीं है. बेवजह हँसने-रोने की आदत तो होगी. मगर मज़े की बात तो यह है. कि मुझे ऐसी कोई आदत भी नहीं है. जहाँ तकनिकी रूप से. सही होता है. वहाँ हँस, रो लेता हूँ. मैं जैसे जी रहा हूँ. क्या वह भ्रम है. या फिर. सब जैसे मर रहे हैं. वही सच है. सच और भ्रम. 400 हì...
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संभावनाओं का शहर: October 2010
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. शनिवार, 16 अक्तूबर 2010. शहर में चांदनी. भागो कि सब भाग रहे हैं. शहर में. कंकड़ीले जंगलों में. मुंह छिपाने के लिए. ईद का हो या. पूर्णिमा का. टी.वी. में निकलता है अब. रात मगर क्या हुआ. मेरी परछाई के साथ. चांदनी चली आई. कमरे में. सौम्य, शीतल,. उजास से भरी हुई. लगा मेरा कमरा. एक तराजू है. मै तौल रहा हूँ. चांदनी को. एक पलड़े में रख कर. कभी खुद से. कभी अपने तम से. लगा रहा हूँ हिसाब. शहर में! लेबल: कविता. प्रस्...इसे...
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संभावनाओं का शहर: 11 मई 2014 को प्रभात ख़बर में छपीं मेरी दो कविताएँ
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. शनिवार, 10 मई 2014. 11 मई 2014 को प्रभात ख़बर में छपीं मेरी दो कविताएँ. प्रभात ख़बर. में 11 मई 2014 को मेरी दो कविताएँ छपीं हैं निम्न लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है. Http:/ epaper.prabhatkhabar.com/270481/Ravivaar/Raviwar#dual/4/3. Http:/ epaper.prabhatkhabar.com/c/2825190. प्रस्तुतकर्ता Sushil Kumar. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. लेबल: प्रभात खबर. नई पोस्ट. इज दिस...
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संभावनाओं का शहर: January 2011
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. रविवार, 23 जनवरी 2011. सद्दाम की मुहब्बत. ज़रूर पढ़िए. सद्दाम की मुहब्बत. सरेबाजार पर. प्रस्तुतकर्ता Sushil Kumar. 1 टिप्पणियाँ. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: ज़रूर पढ़िए. सद्दाम की मुहब्बत. सरेबाज़ार. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). बस एक ही विनती है. स्वतंत्र. अनकहा सा कुछ. गुंज&...चौथ...
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संभावनाओं का शहर: July 2013
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. रविवार, 14 जुलाई 2013. लोकसत्य में प्रकाशित आलेख. में रविवार 14 जुलाई, 2013 को (पृष्ठ 6 पर) छपा आलेख. ब्लड इस थिकर दैन वाटर. ई-पेपर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक. प्रस्तुतकर्ता Sushil Kumar. 0 टिप्पणियाँ. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: लोकसत्य. में रविवार. करें ). प्रस्तुतकर्ता Sushil Kumar. प्रभात खबर. क्रूर धर&...शाल...
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संभावनाओं का शहर: May 2012
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. गुरुवार, 17 मई 2012. चौथी दुनियां में प्रकाशित हुई " बुर्का ". प्रस्तुतकर्ता Sushil Kumar. 0 टिप्पणियाँ. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: चौथी दुनियां में प्रकाशित हुई बुर्का. सोमवार, 7 मई 2012. एक ऐसा राजदार है मेरे कमरे में. जिसे पता हैं. फिर भी भरोसेमंद इतना कि. वह तब-तब हँसता होगा मुझपर. है कुछ जगह. मई 7, 2012. इतनì...
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संभावनाओं का शहर: September 2012
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. सोमवार, 17 सितंबर 2012. भूख लत है. अखबार में छपा था कि. तुरंत कार्रवाई होगी. उन इलाकों में. जहाँ भूख से हो रहीं हैं मौतें. आगे लिखा था. शिविर लगाया जायेगा. सबकी स्वस्थ्य जाँच होगी. और फ़ूड पैकेट बांटे जाएंगे. एक व्यक्ति का. मरने से पहले लिया गया. बयान भी छपा था. उसने कहा था कि. पहले भूख मज़बूरी थी साहब. लेकिन अब लत है. और प्राण के साथ ही छूटेगी ". राख-ही-राख बाकी है. भूख जब लत बन जाती है. भूख लत है. तो मै...छोट...
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संभावनाओं का शहर: June 2013
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. शुक्रवार, 28 जून 2013. लोकसत्य के साहित्य पन्ने पर 28 जून 2013 को छपी मेरी दो कविताएँ ।. लोकसत्य के साहित्य पन्ने पर 28 जून 2013 को छपी मेरी दो कविताएँ ।. सम्पादक,. राकेश त्रिपाठी. जी, का आभार). पूरा पृष्ट देखिये. प्रस्तुतकर्ता Sushil Kumar. 0 टिप्पणियाँ. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: लोकसत्य. होता है. शासन की. छात...
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संभावनाओं का शहर: June 2012
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सुशील स्वतंत्र की चुनिन्दा रचनाएँ. फेसबुक नोट्स. पेशेवर जीवन में सुशील. संक्षिप्त परिचय. शुक्रवार, 29 जून 2012. चौथी दुनिया , 14-20 मई 2012, दिल्ली. प्रस्तुतकर्ता Sushil Kumar. 1 टिप्पणियाँ. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: चौथी दुनियां. चौथी दुनियां में प्रकाशित हुई बुर्का. चौथी दुनिया 11-17 जून 2012, दिल्ली. प्रस्तुतकर्ता Sushil Kumar. 0 टिप्पणियाँ. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! लेबल: कविता. हिंद...400 ह...
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