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जो अनकहा रहा: ग्रीन रूम की हलचलों का कोलाज-2
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जो अनकहा रहा. जो अनकहा रहा पढ़ें अपनी लिपि में, JO ANKAHA RAHA Read in your own script,. Saturday, December 19, 2009. ग्रीन रूम की हलचलों का कोलाज-2. उस दिन अपनी प्राप्तियों के बैलेंस शीट (! शिक्षा : पीएच. डी. तक।. 8217;सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’. कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें. समीर लाल ’समीर’. January 3, 2010 at 6:07 PM. Subscribe to: Post Comments (Atom). मैं कौन. विद्याभूषण. View my complete profile.
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ऊब और दूब: June 2009
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ऊब और दूब. अपनी ऊब से भी मिलती है ऊर्जा और वह रचती है दूब. ऊब और दूब पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read uub aur doob in your own script). Sunday, June 14, 2009. देह राग से परे. छुट्टी का एक दिन. मेरे साथ भी बिताओ जी! नहीं, ऐसे नहीं।. देह राग से परे. सुनते हैं आज. कोई नया राग।. अच्छा, नहीं आता. तुम्हारी समझ में. ऐसा कुछ? ठीक, चलो देख आते हैं. शहर की रौनक।. तुम्हे पसंद नहीं भीड़- भाड़? मुझे भी कहाँ पसंद है।. चलो ,चलते हैं. किसी सूनी सड़क पर. जहाँ बिछे होंगे. कुछ कहना तुम. अपने मन की,. चलो ठीक है,. मेरे...यान...
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ऊब और दूब: December 2010
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ऊब और दूब. अपनी ऊब से भी मिलती है ऊर्जा और वह रचती है दूब. ऊब और दूब पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read uub aur doob in your own script). Saturday, December 11, 2010. अधूरी कविता. सोचा था मैंने. लिखूंगी मैं भी. धधकती किसी घटना पर. सुलगती-सुलगाती. कोई कविता।. सामने था अखबार. सुर्खियों में छपा था. अपने पचहत्तर सैनिकों की. हत्या का समाचार।. भर आईं आंखें. कलम उठाने से पहले. जुड़ गये हाथ. प्रार्थना में. मिले उनकी आत्मा को. शांति. पर जाने कैसे. बदल गये प्रार्थना के शब्द. और इसके पहले कि. भीग गया मन. कम्बख़...
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ऊब और दूब: September 2010
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ऊब और दूब. अपनी ऊब से भी मिलती है ऊर्जा और वह रचती है दूब. ऊब और दूब पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read uub aur doob in your own script). Sunday, September 5, 2010. लड़की जो नहीं मिली. कभी हुआ करती थी/ कहीं एक लड़की/. एक छोटे से घर की/ बड़ी सी राजकुमारी/. आँखों में लिए हुए सपने/ सीने में भरे हुए/. उमंग और हौसला/ कर रही थी कोशिश/. अपनी संभावनाओं को/ संभव बनाने की/. कोई शिकायत नहीं थी/ कि/. कितने पथरीले हैं रास्ते/. थी सिर्फ एक चाहत/ जिंदगी. जियूं. आ मिल जा री/ ओ लड़की/. Links to this post. कम्बख़्त द...ज़िन...
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ऊब और दूब: March 2010
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ऊब और दूब. अपनी ऊब से भी मिलती है ऊर्जा और वह रचती है दूब. ऊब और दूब पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read uub aur doob in your own script). Wednesday, March 31, 2010. जख्म और संवेदना. आदत रही है. खुद पर लगे जख्मों. जानवरों की तरह. चाट- चूट. खुद ही ठीक कर लेने की! लेकिन इस बार जख्म. पीठ पर है।. ना कोई सहलाता हुआ. स्पर्श है,. ना कोई मरहम।. बार-बार उठ रही है टीस ,. दर्द की लहरें. झकझोर रही हैं. पूरे शरीर को।. क्या करू? छोड़ दूं खुला? सड़ जाने दूं? फ़ैलने दूं जहर. पूरे शरीर में? वक्त के साथ. फिर आदत पड़. जो द&#...
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ऊब और दूब: April 2009
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ऊब और दूब. अपनी ऊब से भी मिलती है ऊर्जा और वह रचती है दूब. ऊब और दूब पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read uub aur doob in your own script). Sunday, April 26, 2009. लौट आई हूँ मैं. बादलों पर चलने और. चाँदनी में नहाने दिन. नहीं रहे अब मेरे।. क्योंकि चाँद की दुनिया से. लौट आई हूँ मैं।. बालों को उलझाती. पागल हवाओं नें. साथ उड़ चलने का निमंत्रण. वापस ले लिया है।. बारिश का पानी भी अब. कतरा कर निकालने लगा है मुझसे. क्योंकि उसे भी पता है. कि इसके पहले कि उसकी छुअन. हैरत में हैं. ये देख कर. और लौट आई हूँ. चेष्...
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जो अनकहा रहा: December 2009
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जो अनकहा रहा. जो अनकहा रहा पढ़ें अपनी लिपि में, JO ANKAHA RAHA Read in your own script,. Saturday, December 19, 2009. ग्रीन रूम की हलचलों का कोलाज-2. उस दिन अपनी प्राप्तियों के बैलेंस शीट (! शिक्षा : पीएच. डी. तक।. Links to this post. Thursday, December 17, 2009. ग्रीन रूम की हलचलों का कोलाज. शिक्षा : पीएच. डी. तक।. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). टेक्स्ट आपके टेस्ट का. मैं कौन. विद्याभूषण. शिक्षा : पीएच. डी. तक।. View my complete profile. अनकहे शब्द. अनकहा वक्त.
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जिरह: October 2009
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जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script). Enter your search terms. जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।. Tuesday, October 27, 2009. अश्लील कौन : मकबूल फिदा हुसैन, बिहारी लाल, प्रेमचंद या कि हम. या फिर काली लिखा होता तो क्या करते? पेशकश : अनुराग अन्वेषी. 19 प्रतिक्रियाएं. Labels: अश्लील. प्रेमचंद. बिहारी. मकबूल फिदा हुसैन. Wednesday, October 7, 2009. क्या ...जब रì...
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जिरह: March 2013
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जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script). Enter your search terms. जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।. Saturday, March 9, 2013. इस बहादुर बेटी पर देश कब ध्यान देगा? रोम चानू शर्मिला. पेशकश : अनुराग अन्वेषी. 5 प्रतिक्रियाएं. आयरन लेडी. नॉर्थ-ईस्ट. भूख हड़ताल. शर्मिला. Subscribe to: Posts (Atom). Enter your search terms. अपनी बात. छोटा करें -. ऊब और दूब. इनमे&#...
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जिरह: March 2010
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जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script). Enter your search terms. जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।. Wednesday, March 24, 2010. पत्नी की गैरमौजूदगी और मेरा ओछापन. अनिता, अनुनय और मान्या के बिना शुरू के दो दिन तो. मेरा स्वर्ग अचानक नर्क में कैसे तब्दील हो गया? आज मेरा. मेरा यह रूप मुझ से छुपा कैसे रहा? लव यू।. 15 प्रतिक्रियाएं. Thursday, March 18, 2010. हंस&...