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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: June 2010
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Monday, June 28, 2010. The time warp in which I am. Makes me remember that day divine,. The first sight of those love-filled eyes. Makes me forget myself even this day. The question that came then. And which is with me even now,. Do we deserve to be with "Him"? But then "His" ways are really great. How "He" pervaded in my being. And read the thoughts as they came,. But was it mere reading of thoughts? Or was "He" the thoughts "Himself". Every desire "He" knew and fulfilled. Rajeev Chandra Joshi, Guwahati.
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: September 2010
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Friday, September 24, 2010. ॐ साईं राम. धन्यवाद हो तेरा साईं. रोम रोम से मेरे. तू ही पार लगाता स्वामी. भक्त जनों के बेडे. कैसे करता है तू देवा. लीला इतनी प्यारी. बँजर भूमि में उपजाता. फूलों से भरी क्यारी. बीहड में तू स्त्रोत बहाता. अदभुत तेरी क्षमता. कृपा सिन्धु तू दया की मूरत. छल छल छलके ममता. असँभव को कर देता सँभव. जाने कैसे दाता. दे देता है उसको जो भी. हाथ पसारे आता. तेरे आषिश से हे साईं. पँगु चढते परबत. चक्षुहीन दृष्टि पा जाते. ऐसे तेरे करतब. तू भक्ति उपजाता. अपने ऊपर लेता. Labels: By Sai Sewika ji.
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: May 2013
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Tuesday, May 14, 2013. ॐ सांई राम. हे सांई इक करिश्मा दिखा दे. सब के दिलो में प्यार बसा दे. नफरत का नामों निशा मिता दे! कोई किसी का दिल ना दुखाए. कोई किसी को ना सताए. हर कोई किसी के काम आए. न कोई रोए न तिलमिलाए. सिर्फ प्यार ही प्यार हो. आँखों में न आँसू आए. केवल चेहरे खिलखिलाएं. हे सांई एसा करिश्मा दिखा दे. सदा के लिए न सही , तो बस इक दिन के लिए ही दिखा दे. सांई आ जाओं. जय सांई राम. मेरे साईं मेरे बाबा. ॐ सांई राम. वो आए रूके कुछ पल , झाका और चल दिए,. पर लगा जब अंदर आने,. जय सांई राम. Monday, May 13, 2013.
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: July 2011
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Monday, July 4, 2011. ॐ सांई राम! आज बैठी यूँ ही सोच रही मैं,. अपने मन की तुलना किससे करूं मैं? क्या पुकारूं इसे , क्या इसका नाम धरूं? फिर सोचा, इस मन का मैं गिरगिट नाम धरूं. गिरगिट की तरह रंग ये बदलता है. कैसे कैसे रंग बनाए,क्या ढग दिखाता है! फिर लगता पंतग जैसा,. जितना खीचूं उतना उङता. ज़रा ढीलं दूँ,तो फिर कट जात. फिर सोचा , लगता कभी जिद्दी बच्चा. कैसी कैसी जिद्द ये करता. जो न मिल सके वही पाना चाहता. फिर लगता मुझे तितली जैसा. जैसा चाहे उङना चाहता. हर फूल पर बैठना चाहता. एक मन और रूप अनेक,. खेतí...
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: May 2012
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Saturday, May 12, 2012. ॐ साईं राम. मेरे घर के पास बाबा का. इक मँदिर बन रहा है. खुशी के मारे मेरा. उछल ये मन रहा है. कब से तड़प रही थी. देवा तुम्हारी दासी. क्या भूल हुई मुझसे. क्यूँ अखियाँ रहीं प्यासी. मेरे मालिक ने तमन्ना. मेरे दिल की पूरी कर दी. सारे जहाँ की खुशियाँ. मेरे दामन में हैं भर दी. पावन पुनीत सुन्दर. दिलकश नज़ारा होगा. तरसे नैनों के सन्मुख. मेरा साईं प्यारा होगा. अब तेरे दर पे स्वामी. नित आना जाना होगा. भक्तों की सँगतों का. मँज़र सुहाना होगा. तेरे पास आ जाऊँगी. जय साईं राम. साईं त&#...बाब...
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: July 2010
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Saturday, July 31, 2010. कुछ हटकर, अलग से ख्याल. कुछ हटकर, अलग से ख्याल! SHIRDI SAI BABA POEMS by DEVOTEES. कुछ हटकर, अलग से ख्याल. जैसा बोया है बैसा ही. काटोगे. मैं कभी मूक नहीं होता,. उपेक्षा नहीं करता किसी की,. तुम्हारी वाणी में बोलता रहता हूँ,. जब कोई मुझे पुकारता है प्रेम से,. मैं दौड़ा आता हूँ,. जब भी कभी कोई द्रोपदी या गजराज पुकारेंगे,. मैं आऊँगा।. जो तुम्हें मिलता है इस संसार में,. वह फल है तुम्हारे कर्मों का,. यह नियम है,. जिसे तुम क्या,. Wednesday, July 14, 2010. SHIRDI SAI BABA POEMS. कौ...
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: September 2013
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Monday, September 16, 2013. ॐ सांई राम. ओ बन्दया. तू झुक के चलिया कर ,. के झुकिया नु साई मिलदे. जय सांई राम. कुछ हटकर अलग से ख्याल. Subscribe to: Posts (Atom). OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences and Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM. Visit Our Spiritual Forum and Join the Ever growing Sai Family! Http:/ www.sai-ka-aangan.org/. SHIRDI SAI BABA POEM BLOG. SHIRDI SAI BABA LITERATURE. Member of Sai Web Directory.
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: December 2011
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Monday, December 5, 2011. ॐ साईं राम! छोटी सी है ये ज़िंदगी. छोटा सा है ये सपना. देखलूं इस धरती पर. एक बार खुदा अपना. जय साईं राम! Labels: कुछ हटकर अलग से ख्याल. Thursday, December 1, 2011. ॐ साईं राम! क्या क्या न दिया तूने. क्या क्या न मैंने पाया. तूं दे कर भी सब भूल गया. मैं पा कर भी बिसराई. मेरे साईं क्षमा, दया. जय साईं राम! Labels: कुछ हटकर अलग से ख्याल. ॐ साईं राम! भली बुरी हूँ तेरी मेरे साईं. जैसी भी हूँ तेरी साईं. गले से लगा या ठुकरा. जय साईं राम! ॐ साईं राम! जय साईं राम! Subscribe to: Posts (Atom).
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: June 2012
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Thursday, June 28, 2012. मेरी प्यारी बेटी तेजल,. बाबा का आशीर्वाद,. माँ का बहुत सारा प्यार. भाई का प्यार , मेरे घर की आन- मेरी बेटी तेजल. माँ की ममता , मेरी ही परछाई - -मेरी बेटी तेजल. पिता की कली, लाड प्यार से पली - - मेरी बेटी तेजल. बाबा के चहरे जैसा तेज हो तुममें- - मेरी बेटी तेजल. कृतियाँ हों तेरी अनमोल- -मेरी बेटी तेजल. आँखों में हो सुंदर सपने- -मेरी बेटी तेजल. और होठों पर मीठे बोल - -मेरी बेटी तेजल. Labels: For My PRINCESS. Subscribe to: Posts (Atom). Http:/ www.sai-ka-aangan.org/. By Sai Sewika ji.
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SAI-KA-AANGAN.ORG | Shirdi Sai Baba Poems Blog: August 2010
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Monday, August 16, 2010. कुछ हटकर, अलग से ख्याल. ॐ साईं राम! झूठी दुनिया झूठे लोग , झूठे नाते दिल के रोग. जो बच सके तो बच जा , इन जंजालो से कट जा. कर शुक्र जो कोई अपना मिले , हाले दिल जो कोई हर पल सुने. होगी खुशकिस्मती जो,सच्चा साथी कोई तुझे मिले. हाथ थामे हर पल जो तेरे साथ जो चले. जय सांई राम! कुछ हटकर, अलग से ख्याल. ॐ साईं राम! इक छोटा सा लम्हा है. जो ख़त्म नहीं होता. मैं लाख जलाती हूँ. जो भस्म नहीं होता. जो भूल की है मैंने. मेरे दिल मैं समाई है. अब पाप का रूप लेकर. जय साईं राम! OM SRI SAI NATHAYA NAMA...