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श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी: स्वप्न का रहस्य खोला बाबा ताऊआनंद महाराज ने.
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श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी. ब्लॉगजगत के एकमात्र सर्टीफाईड एवं रिक्गनाईज्ड बाबा. Wednesday, February 17, 2010. स्वप्न का रहस्य खोला बाबा ताऊआनंद महाराज ने. बाबा ताऊआनंद प्रवचनमाला भाग - 5. बाबा समीरानंद जी महाराज. और बाबा ताऊआनंद महाराज प्रवचन स्थल की और प्रस्थान करते हुये! प्रिय आत्मन,. प्रश्न :-. एक प्रश्न पुन: परम भक्त श्री ललित शर्मा,. आप कहेंगे, ये कैसी बाते करते हैं महाराज श्री? नही हैं ना? दुसरी जगह है ना.आप मन से यहांबैठे बैठ...आप तो दोनों ही अवस्थì...तो भक्तगणोæ...बाबा...
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कितने याद आते हो कभी | mehek
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क तन य द आत ह कभ. स तम बर 26, 2011 at 6:42 प र व ह न ( Uncategorized. क तन य द आत ह कभ. और लगत ह बह त अपन स. जब बरसत ह मन क आ गन पर,. चलत ह म भ. ख ल हर य ल पर द मन म. य द क सम ट कर. महस स कर ल त ह उन ह क छ पल. ज नत ज ह त म बह त द र ह अब कह ………. 13 ट प पण य. स तम बर 30, 2011 at 2:13 अपर ह न. बह त ह गहन भ व, श भक मन ए . अक ट बर 1, 2011 at 4:50 प र व ह न. अक ट बर 1, 2011 at 4:51 प र व ह न. Aaj ke is dau me ek achchha insan mil pana bahut hi mushkil hai. अक ट बर 2, 2011 at 2:17 अपर ह न. अच छ भ व ह श भक मन ए.
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राग-दीपक: ताऊ ने खोली हवाईजहाज के इंजिन बनाने की फेक्ट्री
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यह राग अनवरत मेरे अंतर्मन में बजता ही रहता है! मैं इसे सुनता ही रहता हूँ! Monday, July 20, 2009. ताऊ ने खोली हवाईजहाज के इंजिन बनाने की फेक्ट्री. ताऊ को राज भाटिया जी. ने हवाईजहाज के इंजन बनाने की कंपनी खोलने की राय देदी. अब ताऊ. बेकार तो था ही.सो खोल दी एक कंपनी. नोट : यह वाला ताऊ .ताऊ रामपुरिया नही है.:). दीपक "तिवारी साहब". Labels: ताऊ रामपुरिया. राज भाटिया. July 20, 2009 at 4:16 AM. आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal). July 20, 2009 at 4:50 AM. July 20, 2009 at 8:43 PM. July 31, 2009 at 2:02 AM. भर...
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between the lines: August 2008
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Saturday, August 30, 2008. The leader on occasion of inagurating drama show , described the face expression can only be seen when the stage got dark back ground . From other side of stage the voice came. That is why we have called you sir. Friday, August 29, 2008. One day i gone to the hotel and i saw amazing info board. For mentally sound male. For mentally sound female. I just asked to the waiter,. Dear on bathroom what u have written. Thursday, August 28, 2008. नैनों टाटा. Wednesday, August 27, 2008.
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between the lines: August 2011
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Wednesday, August 3, 2011. हमारी सुरक्षा मजबूत हे. तभी तो जहाज साबुत हे. बिना रडार काम चलता हे. लोकतंत्र में भ्रष्टाचार सब तरफ मुमकिन हे. सब समुद्री नमक के शोकिन हे. आप में हो हिम्मत तो सड़क पर चल कर दिखाइए. पर समुन्दर में बे रोक टोक चले आइये. नाव में जो मज्जा. वो विदेशी बोट में कहाँ? खरीदी हे मगर. वो जोश हैं कहाँ? आइये नमन करें. वंदन करें. हमारी आजादी सुरक्षित हे. Labels: भ्रष्टाचार. विदेशी बोट. समुद्री नमक के शोकिन. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. ताऊ डाट इन. एक ग़ज़ल आ...
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between the lines: February 2010
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Friday, February 12, 2010. आदमी बनियान में. वो भी फटी. कुत्ता नेवी ब्लू स्वेटर में. कोहरे में लोकतंत्र. रसोई में सन्नाटा. पत्रिकाएँ नीला लिबास पहने. सरवे जारी हे. मनोरजन के नाम पर राजनीति जारी हे. वेलेंटाइन के कागा. बाँट रहे प्रेम का धागा. मोह्हबत में तिजारत जारी हे. शिक्षा का स्तर बढ गया हे. एड्स की सबको जानकारी हे. कुत्ता. लोकतंत्र. शिक्षा. Subscribe to: Posts (Atom). I am married but having still sense to write and the photograph is the face which keeps parallel line intact. View my complete profile.
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between the lines: April 2010
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Tuesday, April 13, 2010. गाँव में शिक्षा के नाम पर. तमाशा जारी हे. शहरों में एजुकेसन के नाम पर. गोरख धन्दा. भारी हे. दीवारों पर लीखनेसे. कुछ नहीं होगा. कुत्ता टांग उठा के धो देगा. या फिर पढ़े लिखे. लोकतंत्र में. शिक्षा अब अधिकार हे. पर उजाला. फिर चंद लोगों में बटेंगा. इस देश में फिर एक भूखा जोकर बनेगा. Labels: उजाला. कुत्ता. दीवारों. लोकतंत्र. शिक्षा. Thursday, April 8, 2010. बिल बनाम पर्ची. सामान खरीद कर ,. जब हमने बिल माँगा. दुकानदार ने आँख तरेरी. जो पर्ची पर लिखा हे. वही सही हें. अनुराग शर&...एक गì...
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राग-दीपक: August 2008
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यह राग अनवरत मेरे अंतर्मन में बजता ही रहता है! मैं इसे सुनता ही रहता हूँ! Monday, August 25, 2008. शहर से आए हो क्या? इसी साल जयपुर जाने का काम पडा! रास्ते में एक जगह. उपरोक्त बोर्ड लगा देख कर उत्सुकता वश रुक कर देखा की. यह भयंकर ठंडी बीयर. क्या होती है? और ऐसी गरमी में. तिवारी जी को अगर ठंडी बीयर मिल जाए तो क्या कहने? अत: वहीं ढाबे पर हमने गाडी लगा कर पता किया! बहुत ज्यादा थी सो भयंकर ठंडी बीयर का सोच सोच कर ही. आत्मा तृप्त होती जा रही थी! नाम से बुला रहे थे! भयंकरतम ठंडी बीयर. ला दो! और मजे ल...
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