lamhon-ka-safar.blogspot.com
लम्हों का सफ़र: 492. दुःखहरणी...
http://lamhon-ka-safar.blogspot.com/2015/04/492.html
लम्हों का सफ़र. मन की अभिव्यक्ति का सफ़र. Wednesday 1 April 2015. 492 दुःखहरणी. दुःखहरणी. जीवन के तार को साधते-साधते. मन रूपी अंगुलियाँ छिल गई हैं. जहाँ से रिसता हुआ रक्त. बूँद-बूँद धरती में समा रहा है,. मेरी सारी वेदनाएँ सोख कर धरती. मुझे पुनर्जीवन का रहस्य बताती है. हार कर जीतने का मंत्र सुनाती है,. जानती हूँ. संभावनाएँ मिट चुकी है. सारे तर्क व्यर्थ ठहराए जा चुके हैं. पर कहीं न कहीं. जीवन का कोई सिरा. जो धरती के गर्भ में समाया हुआ है. यह धरती मुझे झकझोर देती है. जीवन प्रवाहमय रहे. April 02, 2015 8:14 PM.
botalkhalinahinhai.blogspot.com
बोतल खाली नहीं है: दो कविताएँ
http://botalkhalinahinhai.blogspot.com/2013/03/blog-post.html
बोतल खाली नहीं है. उमेश महादोषी की कविताएं. Monday, March 18, 2013. दो कविताएँ. झूठी कविता. परिस्थितियाँ. माँ से बड़ी हो गयीं हैं. और सुबह-शाम. दोनों समय की मिलाकर. उनकी कुल दो रोटियाँ भी. हम पर भारी पड़ गयीं हैं. ठीक ही है शायद. माँ की परवरिश में. कोई कमी रही होगी. छाया चित्र : उमेश महादोषी. जो हमें वो शक्ति नहीं दे पायी. कि हम ‘परिस्थितियों’ से लड़ पाते. और पूरे चौबीस घंटों के दिवस में. दो समय पर. उसे दो रोटियाँ दे पाते. सिवाय इसके कि किसी अज्ञात से. पता नहीं. समझ नहीं आता है. आँखों स...आँसु...
botalkhalinahinhai.blogspot.com
बोतल खाली नहीं है: June 2011
http://botalkhalinahinhai.blogspot.com/2011_06_01_archive.html
बोतल खाली नहीं है. उमेश महादोषी की कविताएं. Thursday, June 30, 2011. एक व्यक्ति का होना. महत्वपूर्ण. व्यक्ति. दोनों. महत्वपूर्ण. कुर्सी. व्यक्ति. पॉलीथीन. व्यक्ति. दिनों. महत्वपूर्ण. जायेगा. व्यक्ति. उद्देश्य. पहुँचता. उद्देश्य. व्यक्तियों. क्यों. व्यक्ति. उद्देश्य. व्यक्ति. उमेश महादोषी. Labels: २००९ के बाद की कवितायें. Subscribe to: Posts (Atom). १९९२ तक की कवितायेँ. २००९ के बाद की कवितायें. २००९ के बाद की कवितायेँ ( हाइकु). एक व्यक्ति का होना. उमेश महादोषी. View my complete profile.
botalkhalinahinhai.blogspot.com
बोतल खाली नहीं है: September 2010
http://botalkhalinahinhai.blogspot.com/2010_09_01_archive.html
बोतल खाली नहीं है. उमेश महादोषी की कविताएं. Sunday, September 26, 2010. कुछ हाइकु. टालना छोड़ो. होने दो एक बार. होना है जो भी! अलविदा, हे! शब्दों का यह गुच्छा. तुम्हारे लिए. फिर मिलेंगे. जो नहीं निभ सका. निभाने उसे. मैं देखूं बस. मछली की सूरत. इस झील में. उमेश महादोषी. Labels: २००९ के बाद की कवितायेँ ( हाइकु). Subscribe to: Posts (Atom). १९९२ तक की कवितायेँ. २००९ के बाद की कवितायें. २००९ के बाद की कवितायेँ ( हाइकु). 2009 के बाद की कवितायें(हाइकु). कुछ हाइकु. उमेश महादोषी. View my complete profile.
botalkhalinahinhai.blogspot.com
बोतल खाली नहीं है: September 2013
http://botalkhalinahinhai.blogspot.com/2013_09_01_archive.html
बोतल खाली नहीं है. उमेश महादोषी की कविताएं. Wednesday, September 11, 2013. एक कविता. छाया चित्र : उमेश महादोषी. ओढ़ी हुई चादर. स्वप्न में. मैं उत्तराखण्ड के. सी एम की कुर्सी पर था. और नींद के साथ. मेरा चैन भी गायब था. कानों में. मृत्यु से भी भयंकर तबाही झेलते. लोगों का कृन्दन. और आँखों में. किसी बूढ़े-सठियाए हाईकमान का चेहरा. पसीने से तर-बतर किए था. राम जाने! मैं कितना बेवश था. अचानक मेरी नींद टूटी. मैंने ओढ़ी हुई चादर को. उतारकर फेंक दिया. अपनी आँखें बन्द कीं. और कानों को. Subscribe to: Posts (Atom).
lamhon-ka-safar.blogspot.com
लम्हों का सफ़र: 493. सरल गाँव (गाँव पर 10 हाइकु)
http://lamhon-ka-safar.blogspot.com/2015/04/493-10.html
लम्हों का सफ़र. मन की अभिव्यक्ति का सफ़र. Saturday 4 April 2015. 493 सरल गाँव (गाँव पर 10 हाइकु). सरल गाँव (गाँव पर 10 हाइकु). जीवन त्वरा. बची है परम्परा,. सरल गाँव. घूँघट खुला,. मनिहार जो लाया. हरी चूड़ियाँ! भोर की वेला. बनिहारी को चला. खेत का साथी! पनिहारिन. मन की बतियाती. पोखर सुने! दुआ-नमस्ते. गाँव अपने रस्ते. साँझ को मिले! खेतों ने ओढ़ी. हरी-हरी ओढ़नी. वो इठलाए! असोरा ताके. कब लौटे गृहस्थ. थक हारके! महुआ झरे. चुपचाप से पड़े,. सब विदेश! खंड-खंड टूटता. ग़रीब गाँव! बाछी रम्भाए. April 05, 2015 8:05 AM.
botalkhalinahinhai.blogspot.com
बोतल खाली नहीं है: December 2012
http://botalkhalinahinhai.blogspot.com/2012_12_01_archive.html
बोतल खाली नहीं है. उमेश महादोषी की कविताएं. Monday, December 31, 2012. एक और कविता. मित्रो! आज जो कविता आपके समक्ष रख रहा हूँ, पता नहीं वह क्या प्रभाव छोड़ेगी। पर आज जिन हालातों के बीच हम खड़े हैं, वहां ऐसी कल्पना को हवा में नहीं उड़ाया. जा सकता। हमें संभावनाओं के हर कोने की पड़ताल करनी ही होगी! ऐसे हथियार तैयार करो. आओ वैज्ञानिक! मुझ कवि के साथ मिलकर. काम करो. मैं दूंगा तुम्हें कुछ विचार/कुछ कल्पनाएं. तुम हथियार तैयार करो. बारूद और मारक रसायनों में. पहचान सकें. सही को, गलत को. Friday, December 7, 2012.
botalkhalinahinhai.blogspot.com
बोतल खाली नहीं है: July 2010
http://botalkhalinahinhai.blogspot.com/2010_07_01_archive.html
बोतल खाली नहीं है. उमेश महादोषी की कविताएं. Thursday, July 22, 2010. विध्वंस तुम्हारे वश में नहीं है. तुम्हारे. थोड़े. दिलोदिमांग. थोड़े. निर्दोष. जानों. क्रूरता. बोरों. मौतों. तिजौरी. शिक्षा. तुम्हारी. प्रक्रिया. स्थिति. व्यापारिक. तुम्हें. क्यों. क्रूरता. पहुंचते. ब्रह्मा. अनुयायी. तुम्हारे. गहराइयों. ध्यानस्थ. उन्होंने. तुम्हारे. विद्यमान. तुम्हारी. प्रकिया. तुम्हें. तुम्हारे. कर्मों. अपेक्षित. व्यापारिक. विश्राम. ब्रह्मा. तुम्हारे. क्योंकि. दैत्यों. दोनों. चिन्हों. साक्षी. वास्तविक. फिर भी. सूख...
botalkhalinahinhai.blogspot.com
बोतल खाली नहीं है: कुछ हाइकु
http://botalkhalinahinhai.blogspot.com/2013/12/blog-post.html
बोतल खाली नहीं है. उमेश महादोषी की कविताएं. Tuesday, December 31, 2013. कुछ हाइकु. समिधा बने. वक्ष पे खड़े वृक्ष. यज्ञ में जले. उड़ता धुआं. पहन लेगा टोपी. किसे था पता! फुनगी पर. हाथी चढ़ बैठा है. क्या होगा अब! अलाव जला. लपटें उठी खूब. वर्फ में सनी. पेड़ पे चढ़ा. तरेरता बिलाव. आँख पे आँख! लौ धधकती. ओस के ईंधन से. दूब जलती. सूखी थी क्यारी. टोंटी खोल नल की. भूल गये वे! चिटकी कली. गेहूँ की बाली पर. बिजली गिरी. नीम की छांव. आम और बबूल. दोनों के गांव! घूमता शीत. कांपती धूप! रोई है रात-भर. आज की भोर!