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॥ दर्शन-प्राशन ॥: Dec 30, 2009
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2405; दर्शन-प्राशन ॥. बुधवार, 30 दिसंबर 2009. Kisi ka saal ye nootan. किसी का साल ये नूतन. पिचकता पेट. बन गया आदर्श मेरा अब. मरूंगा. भूख से? या, चिलचिलाती धुप (dhoop) से? मैं कब? मरें हैं अनगिनित निर्धन. वसन से हीन भिक्षुक बन. कटोरा हाथ में ले मांगते. फिरते रहे जो धन. विवश हो देखती माता. वसन से हीन कन्याएं. मरा परिवार में कोई. वसन-शव खींच ले आये. उसी से ढांकते हैं तन. उसी से ढांकते यौवन. उसी से कर रहे देखो. सुरक्षित स्वयं का जीवन. दिखायेगी अभी वर्षा. निराले ढंग आकर के. और जानिएं. नई पोस्ट. बढ़ती भ&#...
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॥ दर्शन-प्राशन ॥: काव्य-शिक्षा [आशु कविता – 6]
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2405; दर्शन-प्राशन ॥. शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015. काव्य-शिक्षा [आशु कविता – 6]. प्रायः किसी भी आशु कविता का शरीर प्रयोक्ता के बहुप्रयुक्त शब्दों से तैयार होता है। प्रयोक्ता. कविता शरीर. गढ़ने के समय यह भी प्रयास करता है कि वह आकर्षक लगे। इसके लिए वह अपनी समस्त. प्रयुक्त शब्दों के मुखों को देखकर पाठक. जानकारी के अभाव में कविता यदि शाब्दिक व आर्थिक अलंकारों से नहीं सज पा. ती तो उसका कोई तो गुण ऐसा हो जो. चढ़ाव से रचना को सरस बनाता हो. इस बार मेरी ही एक '. आशु रचना '. मैं 'हूँ'. तो कभी लाश. जो मेर&#...जो ...
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॥ दर्शन-प्राशन ॥: Feb 15, 2010
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2405; दर्शन-प्राशन ॥. सोमवार, 15 फ़रवरी 2010. ज्ञानोपनयन-१. आर-पार दिखने वाले. पर्दों को मुझसे हटा अरी. नयन-दीप जलते हैं पीछे. जल जावेंगे करो घरी. मुझ नयनों के लिए एक. ज्ञानोपनयन* ला करके दो. जिसे पहन हर वास्तु पुरातन. नूतन-सी दिखती बस हो. ज्ञानोपनयन — चश्मा - ज्ञान का). प्रेरणा — ऋतुराज परी. प्रस्तुतकर्ता. प्रतुल वशिष्ठ. सोमवार, फ़रवरी 15, 2010. प्रतिक्रियाएँ:. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. नई पोस्ट. मुल्क...
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॥ दर्शन-प्राशन ॥: Jan 18, 2010
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2405; दर्शन-प्राशन ॥. सोमवार, 18 जनवरी 2010. आँखें. काट लिए हैं दिवस और न जाने ही कितनी रातें. नयन तुम्हारे देखन को उत्सुक हैं मेरी दो आँखें. कभी आप नयनों को अवनत कर लेते हो शरमाते. और कभी मेरी मर्यादा खोल नहीं पातीं आँखें. एक बार ही मिलीं हमारे नयनों से तेरी आँखें. पहले स्वागत नहीं किया अब करने को उत्सुक आँखें. सुरक्षित हैं क्या तेरी वो प्यारी-प्यारी आँखें. प्रेरणा: मंदाक्ष). समर्पित: सभी विस्फारित नयनों वालों को. प्रस्तुतकर्ता. प्रतुल वशिष्ठ. सोमवार, जनवरी 18, 2010. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. मुल&#...
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॥ दर्शन-प्राशन ॥: Nov 24, 2009
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2405; दर्शन-प्राशन ॥. मंगलवार, 24 नवंबर 2009. साहित्य प्रेमियो! मैं आज से नए-पुराने अलंकारों की कवितायें इस ब्लॉग पर दिया करूँगा. आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहा करेगी. प्रस्तुतकर्ता. प्रतुल वशिष्ठ. मंगलवार, नवंबर 24, 2009. प्रतिक्रियाएँ:. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). ब्लॉग आर्काइव. साहित्य प्रेमियो! विश्वगुरु भारत. 4 माह पहले.
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विचार शून्य: November 2010
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विचार शून्य. रविवार, 28 नवंबर 2010. स्त्री सिर्फ एक है बाकी सब पुरुष. मेरी एक आदत है कि मैं अक्सर अपनी परिचित महिलाओं को इस तरह से संबोधित करता हूँ मानो वो मेरे पुरुष मित्र ही हों. दोस्त कैसे हो? काश ये बात बैंक कि वो महिला कर्मी समझ पातीं तो वो इस तरह से मेरी सार्वजनिक धुलाई ना करती. प्रस्तुतकर्ता VICHAAR SHOONYA. 27 टिप्पणियाँ. शनिवार, 20 नवंबर 2010. लड़कियों के नाक कान छिदवाना जरुरी है क्या? प्रस्तुतकर्ता VICHAAR SHOONYA. 46 टिप्पणियाँ. गुरुवार, 11 नवंबर 2010. नई पोस्ट. 56 मिनट पहले. जिम्म...अमि...
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महामूर्खराज की कलम से: यह महामूर्खराज आज व्यथित हो गया, रुक जाओ मित्र विवेकानन्द पाण्डेय
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महामूर्खराज की कलम से. मुखपृष्ठ. महामूर्खराज ब्लॉग संकलक. बुधवार, 12 मई 2010. यह महामूर्खराज आज व्यथित हो गया, रुक जाओ मित्र विवेकानन्द पाण्डेय. मित्र विवेकानन्द पाण्डेय जी,. गीता मे श्री कृष्ण जी ने भी कहा है. करमनये वधिकरसते मा फलेषु कदाचन:. मित्र, आप ने संस्कृत. लेखक महामूर्खराज. 9 टिप्पणियां:. 12 मई 2010 को 9:52 pm. ज्ञानदत्त जी से जलने वालों! जलो मत, बराबरी करो. उत्तर दें. 12 मई 2010 को 10:24 pm. उत्तर दें. 12 मई 2010 को 10:58 pm. उत्तर दें. 13 मई 2010 को 4:06 am. शुभकामनाएँ. To say himself a fool ...
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विचार शून्य: April 2013
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विचार शून्य. रविवार, 21 अप्रैल 2013. बकवास बंद! आइये प्रेम की बात करें।. की एक पोस्ट से जिसमे नारीवादी स्त्री प्यार कर सकती है या नहीं इस विषय पर कुछ प्रकाश डाला गया था।. तो प्रेम असल में है कहाँ? क्या ये वास्तविकता में होता भी है? लगता है की अब ज्यादा उदहारण देने की आवश्यकता नहीं। मेरी बात आपकी समझ में आ ही गयी होगी :-). प्रस्तुतकर्ता VICHAAR SHOONYA. 32 टिप्पणियाँ. शनिवार, 20 अप्रैल 2013. आपने अपने मन की बात कही, आपकी भावनाएं प्राय सभ...आपको यह बात समझनी होगी।. अच्छा अब कुछ लो...जैसे...
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विचार शून्य: April 2010
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विचार शून्य. गुरुवार, 22 अप्रैल 2010. ऊपर की कमाई. मेरे ऑफिस में मेरे एक सहकर्मी हैं पाण्डेय साहब। मुझे पूरा विश्वास है की वो इस ब्लॉग को कभी नहीं पड़ेगे इसलिए खुल कर लिख रहा हूँ।. चलिए छोडिये इस बकवास को आगे की बकवास सुने।. तो दोस्तों उपरी कमाई की कथा अनंत है। ये तो यूँ ही चलती रहेगी.अनवरत.हमेशा. प्रस्तुतकर्ता VICHAAR SHOONYA. 7 टिप्पणियाँ. बुधवार, 21 अप्रैल 2010. सरकारी नौकरी में सफलता के सात नियम. १ बने रहो लुल सैलरी पाओ फुल।. प्रस्तुतकर्ता VICHAAR SHOONYA. 15 टिप्पणियाँ. मुझे तो लगत...इसलिए म&#...