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शब्द-साहित्य: नवोदय विद्यालय समिति द्वारा आयोजित ”प्रज्ञानम-2013” में छात्र-छात्राओं न&#
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शब्द-साहित्य. गुरुवार, अक्तूबर 24, 2013. नवोदय विद्यालय समिति द्वारा आयोजित ”प्रज्ञानम-2013” में छात्र-छात्राओं ने किया प्रतिभा का प्रदर्शन. पंकज मौर्य, सी-4 पोस्टल स्टाफ कालोनी, एल्गिन रोड इलाहाबाद-211001). प्रस्तुतकर्ता. लेबल: समाचार. साहित्यिक हलचल. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). पर्व-त्यौहार. पुस्तक-समीक्षा. विचारों की कड़ी. व्यक्तित्व. साहित्यिक हलचल. कुल पृष्ठ दृश्य. मेरी ब्लॉग सूची. 17 घंटे पहले. 3 दिन पहले. श्र...
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शब्द-साहित्य: August 2013
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शब्द-साहित्य. शुक्रवार, अगस्त 16, 2013. समाज व परिवेश को प्रतिबिंबित करती है फोटोग्राफी-कृष्ण कुमार यादव. अगस्त को. शुरू हुई। प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवायें. इससे अधिक से अधिक लोगों को जुड़ना चाहिए।. अध्यक्षता करते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अजय जेतली ने कहा कि इलाहाबाद शुरू से ही साहित्यकारों. फोटोग्राफरों की. एस के यादव. राजेश सिंह. पवन द्विवेदी. संजोग मिश्रा. केनिथ जान. रजत शर्मा. नई पोस्ट. चिट्...देश...
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शब्द-सृजन की ओर: April 2015
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शब्द-सृजन की ओर. इस ब्लॉग पर आप रूबरू होंगे कृष्ण कुमार यादव की साहित्यिक रचनात्मकता और अन्य तमाम गतिविधियों से. समर्थक / Followers. शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015. चिट्ठियों ने जिया लम्बा दौर - कृष्ण कुमार यादव. प्रश्न :. आपको नहीं लगता कि डाक विभाग का महत्व दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है? प्रश्न :. अन्य देशों की तुलना में भारतीय डाक में क्या अंतर है? प्रश्न :. प्रश्न :. अपने बारे में बताइए? प्रश्न :. आप सिविल सेवा में ही आना चाहते थे? प्रश्न :. शुक्रवार, अप्रैल 24, 2015. सम्मान-उपलब्धि. नई पोस्ट. आगाम&...
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शब्द-सृजन की ओर: November 2014
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शब्द-सृजन की ओर. इस ब्लॉग पर आप रूबरू होंगे कृष्ण कुमार यादव की साहित्यिक रचनात्मकता और अन्य तमाम गतिविधियों से. समर्थक / Followers. रविवार, 30 नवंबर 2014. ब्लॉग और ब्लॉगर चर्चा में. कृष्ण के मुकुट में एक और नगीना : भूटान में मिलेगा परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान. भूटान में सम्मानित होंगे कृष्ण कुमार यादव. हिंदुस्तान, 29 नवंबर 2014). डेली न्यूज एक्टिविस्ट, 29 नवंबर 2014). आई नेक्स्ट, 29 नवंबर 2014). स्वतंत्र चेतना, 29 नवंबर 2014). श्री टाइम्स, 29 नवंबर 2014). पायनियर, 29 नवंबर 2014). बुधवार, 26 ...भूट...
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शब्द-सृजन की ओर: May 2014
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शब्द-सृजन की ओर. इस ब्लॉग पर आप रूबरू होंगे कृष्ण कुमार यादव की साहित्यिक रचनात्मकता और अन्य तमाम गतिविधियों से. समर्थक / Followers. शुक्रवार, 30 मई 2014. मासूम सवाल. माँ 6 साल के बच्चे को पीटते हुये बोली,. नालायक, तूने भँगी के घर. की रोटी खायी, तू भँगी हो गया, तूने. अपना धर्म भ्रष्ट कर लिया. अब. क्या होगा? बच्चे का मासूम सवाल :. माँ, मैने तो एक. बार उनके घर की रोटी खाई,. तो मैं भँगी हो गया, ।. लेकिन वो लोग. तो हमारे घर की रात. शुक्रवार, मई 30, 2014. लेबल: लघु कथा. रविवार, 18 मई 2014. बहू के ...आशी...
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bachpan: November 2011
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Thursday, 17 November 2011. Pakhi ko National award. महिला और बाल विकास मंत्री. कृष्णा. तीरथ जी को. भी पसंद आईं अक्षिता की बातें. 14 नवम्बर को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मुझे आर्ट. और ब्लागिंग हेतु राष्ट्रीय बाल पुरस्कार -2011 से पुरस्कृत किया गया. कृष्णा तीरथ आंटी (मंत्री) जी ने मुझसे पूछा कि आप क्या करती हो, तो. आखिर पुरस्कार पाने वालों में मैं ही तो सबसे कम उम्र की थी. दीनदयाल शर्मा. Thursday, 10 November 2011. Akshita (Pakhi) on Social Networking Websites. सबकी आफत आई. खिल...
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bachpan: November 2014
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Wednesday, 19 November 2014. बच्चे मन के सच्चे / दीनदयाल शर्मा. हिन्दी बाल कविता. बच्चे मन के सच्चे / दीनदयाल शर्मा. खट खट खट खट कटती लकड़ी. आठ पैर की होती मकड़ी. थप थप थप थप देती थपकी. घोड़ा खड़ा खड़ा ले झपकी. चट पट चट पट चने चबाए,. बकरी में में कर मिमियाए. टर टर टर टर मेंढक करता. चूहा बिल्ली से है डरता. खट खट खट खट बजते बूट. बिन जूतों के फिरते ऊँट . खड़ खड़ खड़ खड़ होता शोर. बादल देख के नाचा मोर. छट पट छट पट बरखा आए. कागज की सब नाव चलाए. दड़ बड़ दड़ बड़ भागे बच्चे. दीनदयाल शर्मा. Tuesday, 18 November 2014. उत्...
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!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: May 2009
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9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! शुक्रवार, 29 मई 2009. कुछ त्रिवेणियाँ. हर रात वो मोती जैसा चमकता है. जब-जब चांदनी उसके चहरे पर पड़ती है. बस अमावस की रात ही पता नही चलता की वो आज रोया है या नही ।. इन हवाओं के साथ तेरी खुशबू अब क्यूँ आती है. तेरा जिस्म मुझको अब क्यूँ महसूस होता है. शायद शमशान में तेरी राख अब भी बाकी है,हवाओं का रुख बदलना पड़ेगा ।. हमें आसमां में बादलों के घर दिखाई देते हैं. मैं हर दिन घर के नक्शे बदलते हुए देखता हूं. शुक्रवार, मई 29, 2009. आपका क्या कहना है? मंगलवार, 26 मई 2009. आज फिर करत&#...
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